आम आदमी पार्टी ने हिंडनबर्ग शोध रिपोर्ट में अडाणी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों की जांच की मांग को लेकर रविवार को यहां भाजपा मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और इस संबंध में जांच की मांग की। पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने कहा, ‘‘विभिन्न दलों के सदस्यों वाली एक संयुक्त संसदीय समिति को मामले की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी जांच से भाग रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही एक मात्र नेता हैं जो किसी भी जांच से नहीं डरते। केंद्र हर चीज की जांच का दिखावा करता है, अब अडाणी की जांच से क्यों डर रहे हैं? अगर घोटाले के आरोप झूठे साबित हुए, तो आरोपी को जांच से बाहर कर दिया जाएगा। भाजपा को खतरा क्यों लगता है?’’
राय ने दावा किया कि अडाणी मामले में जेपीसी जांच लोगों की सामूहिक मांग है। उन्होंने दावा किया, ‘‘देश के जिन लोगों के पास भारतीय जीवन बीमा और भारतीय स्टेट बैंक में पैसा है, उनकी सारी पूंजी खत्म होने की कगार पर है। यह अब भी साफ नहीं है कि देश के कई बैंकों से फर्जी तरीके से हासिल किया गया पैसा भी इसी तरह जोखिम में है या नहीं।’’ अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयर की कीमतों में गिरावट आई है। व्यावसायिक समूह ने आरोपों को झूठ बताया है। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट एक घोटाला है, जिसमें आम लोगों का पैसा शामिल है क्योंकि भारतीय जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक ने उनमें निवेश किया है।
आप के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आप अडाणी मुद्दे को ‘‘चुनावी एजेंडा’ बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन ‘‘वह सफल नहीं होगी’’। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि अडाणी के मामले में प्रधानमंत्री ‘‘चुप्पी साध रखे’’ हैं और इसके बारे में उठाए गए सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं। केंद्र पर निशाना साधते हुए आप नेता दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया कि केंद्र ने ‘‘अडाणी समूह को देश के सभी संसाधन दे दिए हैं’’।