चार पर आम आदमी पार्टी तो तीन पर लड़ेगी कांग्रेस लोकसभा चुनावों में

0
340

चार पर आम आदमी पार्टी तो तीन पर लड़ेगी कांग्रेस लोकसभा चुनावों में

* यमुनापार की दोनों सीटों पर लड़ेगें एक एक
* केजरीवाल लड़ सकते हैं उत्तर पूर्वी या चांदनी चौक से

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,अब यह लगभग तय है कि राजधानी की सातों लोकसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी तथा कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ेगी | यह भी लगभग आपसी समझोता हो गया है कि कांग्रेस जहां तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो आम आदमी पार्टी चार सीटों पर | इस बात के संकेत पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं नें अपने प्रदेश नेत्रत्व को दे दिए हैं | अब सवाल उठता है आम आदमी पार्टी किन चार सीटों पर लड़ेगी और कांग्रेस किन तीन सीटों पर | इस बाबत एक बार गठ्बन्धन के नेताओं में चर्चा होनी है |

सूत्रों की माने तो इसमें कोई ज्यादा मशक्कत पार्टी नेताओं को नहीं करनी पड़ेगी | दोनों का मकसद इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त देना है | लिहाजा दोनों ही ओर से जीत सकने वाले चेहरों को सामने लाने पर रणनीति बनाई जा रही है | जैसे की सम्भावना जताई जा रही है मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को लोकसभा चुनावों से पहले गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सकता है ऐसी सूरत में अरविन्द केजरीवाल संजय सिंह की तरह जेल से ही लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं | ऐसे में वे नई दिल्ली के स्थान पर उत्तर पूर्वी दिल्ली या चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र को चुन सकते हैं ये दोनों सीटें समीकरणों के चलते गठ्बन्धन प्रत्याशियों के लिए आसान समझी जा रही है |

अरविन्द केजरीवाल आज देश की सियासत में बड़ा ब्रांड बन चुके हैं वे दिल्ली में किसी भी भाजपा प्रत्याशी पर भारी पड़ सकते हैं यह बात भाजपा का शीर्ष नेत्रत्व भी अच्छे से जानता है | लिहाजा इन दोनों सीटों में एक पर कांग्रेस तो दूसरी पर आप पार्टी चुनाव लड़ेगी इस सम्भावना पर मंथन चल रहा है | इसी तरह यदि अरविन्द केजरीवाल उत्तर पूर्वी दिल्ली से लड़ते हैं तो उस सूरत में यमुनापार की दूसरी सीट से कांग्रेस चुनाव लड़ सकती है | और चांदनी चौक भी कांग्रेस के खाते में जा सकती है | जहां तक नई दिल्ली सीट का सवाल है वहां भी कांग्रेस का दावा रहने वाला है | बाकी बचती हैं तीन सीटें उन तीनों पर समीकरणों के तहत आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ सकती है | और यदि ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी को भी अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है क्योंकि भाजपा फिर से सातों सीटें जीतने के मकसद से चुनाव में उतरेगी |

भाजपा नें भी दो रणनीति बनाई हुई है गठ्बन्धन होता है या नहीं के आधार पर प्रत्याशी तय करने है | गठबंधन की सूरत में बड़े नामों की भाजपा के पास भी कोई कमी नहीं है |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here