Basti road accident: गन्ने से भरे ओवरलोडेड ट्रक के पलटने से ई-रिक्शा में सवार पति–पत्नी की दर्दनाक मौत, बच्चा और बुज़ुर्ग गंभीर
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में बुधवार शाम फुटहिया ओवर ब्रिज के पास एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को दहशत और शोक में डुबो दिया। जानकारी के अनुसार, गन्ने से अत्यधिक ओवरलोड एक ट्रक अचानक असंतुलित होकर ई-रिक्शा पर पलट गया, जिसमें सवार पति–पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक बुज़ुर्ग और एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद पुलिस, स्थानीय लोग और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुँचीं और काफी मशक्कत के बाद जेसीबी मशीन की मदद से ट्रक को हटाकर ई-रिक्शा में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
पुलिस के अनुसार मृतक दंपति की पहचान सोनीपत जिले के बोहड़ गाँव निवासी भगवान दीन और सोना देवी के रूप में हुई है, जो अपने परिवार के साथ एक शादी समारोह से लौट रहे थे। हादसा उस समय हुआ जब ई-रिक्शा अम्बेडकर नगर की ओर जा रहा था और सामने से आ रहा गन्ने से भरा ट्रक अचानक अनियंत्रित होकर सीधे रिक्शा पर पलट पड़ा। पल भर में ई-रिक्शा बुरी तरह पिचक गया और चार लोग उसके नीचे दब गए। वहां मौजूद लोगों ने कहा कि दुर्घटना का दृश्य बेहद दर्दनाक था, कई मिनटों तक चीख-पुकार मची रही और लोग अपने मोबाइल फोन से रोते हुए परिजनों को फोन कर रहे थे।
CO संजय सिंह ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि ट्रक पर आवश्यकता से कई गुना अधिक गन्ना लदा हुआ था, जिसके कारण उसका संतुलन बिगड़ा और यह भयावह हादसा हो गया। ट्रक चालक घटना के बाद फरार हो गया, जिसकी तलाश में पुलिस टीमों को लगाया गया है। ट्रक और गन्ना दोनों को कब्जे में ले लिया गया है और मृतकों के परिजनों की तहरीर पर मामला दर्ज किया जा चुका है।
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल गन्ना सीज़न में इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं। ओवरलोड वाहन सड़कों पर दौड़ते हैं, लेकिन न तो उन्हें रोकने की कोशिश होती है, न ही कोई सख़्त कार्रवाई दिखाई देती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सख्त नियंत्रण, चेकिंग बढ़ाने और ओवरलोडिंग पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि आगे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
इस दर्दनाक हादसे ने फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं—कब तक ओवरलोडिंग की लापरवाही निर्दोष लोगों की ज़िंदगी लीलती रहेगी? क्या अब प्रशासन सक्रिय होगा या एक और परिवार की बर्बादी केवल आंकड़ों तक सीमित रह जाएगी?



