Rohini Acharya: रोहिणी आचार्य का भावुक बयान, “परिवार मेरे साथ, भाई से नाता तोड़ा… पिता को बचाने का फैसला आज गुनाह बताया जा रहा है”

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Rohini Acharya, Lalu Prasad Yadav, Tejashwi Yadav,

Rohini Acharya: रोहिणी आचार्य का भावुक बयान, “परिवार मेरे साथ, भाई से नाता तोड़ा… पिता को बचाने का फैसला आज गुनाह बताया जा रहा है”

पूर्व RJD नेता और लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य इन दिनों लगातार सुर्खियों में हैं। राजनीतिक विवादों और निजी आरोपों के बीच रोहिणी ने अपने दिल का दर्द एक बार फिर सामने रखा है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जो कुछ कहना था, वह उन्होंने पहले ही अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साफ-साफ लिख दिया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके द्वारा कही गई कोई भी बात झूठ नहीं है, और अब जो सवाल उठ रहे हैं, उनके जवाब तेजस्वी यादव, संजय यादव, रैचेल यादव और रमीज़ को देने चाहिए।

रोहिणी ने बताया कि कठिन समय में उनके पिता लालू प्रसाद यादव हमेशा उनके साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरे माता-पिता और बहनें कल मेरे लिए रो रही थीं। मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मुझे ऐसा परिवार मिला। वे हमेशा मेरे साथ रहे हैं, मुझे समझा है, और आज भी मेरा सबसे बड़ा सहारा हैं।” भावुक होती रोहिणी ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार में एक परंपरा को निभाया है—जहां त्याग की जिम्मेदारी अक्सर भाइयों पर होती है, लेकिन उन्होंने यह जिम्मेदारी खुद उठाई और अपने भाई से नाता तोड़ दिया।

उन्होंने बताया कि विवादों और तनाव से दूर रहने के लिए वह अब मुंबई अपने ससुराल जा रही हैं, क्योंकि उनके ससुराल वाले उनकी चिंता कर रहे हैं और उन्हें वापस बुला रहे हैं।

हाल ही में रोहिणी ने एक और भावुक पोस्ट एक्स पर साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उन पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपने पिता को किडनी देने के बदले राजनीतिक टिकट लिया। उन्होंने लिखा कि उन्हें यहां तक कहा गया कि उन्होंने “गंदी किडनी” लगवाई और इसके लिए करोड़ों रुपये भी लिए। इस अपमानजनक भाषा से आहत रोहिणी ने कहा कि अगर बेटियों को इस तरह अपमानित किया जाएगा, तो शायद कोई बेटी आगे चलकर अपने पिता के लिए त्याग नहीं करेगी।

रोहिणी ने अपनी पोस्ट में लिखा, “कल मुझे गालियां दी गईं, कहा गया कि मैंने अपने पिता को गंदी किडनी लगाई, टिकट लिया और पैसे लिए। मैं सभी विवाहित बेटियों और बहनों से कहूंगी कि अगर आपके मायके में बेटा है, भाई है, तो कभी भूलकर भी अपने पिता के लिए त्याग मत करना। उस घर के बेटे को ही कहना कि वह अपनी किडनी लगवाए या किसी दोस्त की।”

उन्होंने आगे लिखा, “सभी बेटी-बहनों से कहूंगी कि अपने बच्चे, अपना काम और अपना ससुराल देखें। अपने माता-पिता के लिए त्याग करने की गलती मेरी तरह न करें। मैंने अपने तीनों बच्चों की परवाह नहीं की, पति से अनुमति नहीं ली, ससुराल से नहीं पूछा—सिर्फ अपने पिता को बचाने के लिए किडनी दे दी। और आज उसी त्याग को गंदा कहा जा रहा है। मेरी जैसी गलती कोई बेटी न करे… किसी घर में रोहिणी जैसी बेटी न हो।”

रोहिणी आचार्य के ये बयान और पोस्ट एक बेटी के दर्द, उसके संघर्ष और पारिवारिक राजनीति की सच्चाइयों को सामने लाते हैं। उनका संदेश उन सभी बेटियों को संबोधित है जो अपने परिवार के लिए त्याग करती हैं, लेकिन कई बार उनसे मिले सम्मान की जगह सवाल और आरोप मिलते हैं।

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