निगम उपचुनाव परिणाम बताएगें दिल्ली की सियासत लेगी किस ओर करवट

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निगम उपचुनाव
निगम उपचुनाव परिणाम बताएगें दिल्ली की सियासत लेगी किस ओर करवट

निगम उपचुनाव परिणाम बताएगें दिल्ली की सियासत लेगी किस ओर करवट

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,वैसे तो हमने सारी बात हैडलाइन में ही बता दी और यह सच भी है ,दिल्ली में 12 नगर निगम वार्ड के उप चुनावों की घोषणा कर दी गई है | 12 पार्षदों के रिक्त पदों को भरने के लिए चुनाव आयोग ने कवायद शुरू कर दी है ,उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। तीन नवंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। तीस नवंबर को मतदान होगा। और तीन दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी। घोषणा होते ही राजनीतिक दलों नें भी ताल ठोकनी शुरू कर दी है | इसमें कोई दिस दैट नहीं है भले ही एक दर्जन वार्डों के चुनाव है लेकिन इनके परिणाम इतना तो बता ही देंगे कि अब दिल्ली के लोग क्या चाहते हैं |

दूसरे शब्दों में क्या दिल्ली की जनता भारतीय जनता पार्टी के 9 माह के रिपोर्ट कार्ड से खुश है या उसे आम आदमी पार्टी के सत्ता से बेदखल होने का मलाल है | अथवा लोग शीला दीक्षित वाली दिल्ली चाहते हैं , समझ गए ना आप यानी जो जीता वही सिकन्दर कहलायेगा | अब आंकड़ो की बात कर लेते है जिन 12 वार्डों में चुनाव होने है उनमे से 9 पर भाजपा थी तो तीन पर आम आदमी पार्टी यानी दोनों पार्टियों को कम से कम इतने वार्डो पर जीत दर्ज करने के लिए मानसिक दबाव तो बना ही रहेगा, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को भी अपनी ताकत का एहसास निश्चित रूप से ये चुनाव परिणाम करायेगें इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता |

जिस तरह से पिछले एक साल से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवन्द्र यादव जमीन पर उतर पार्टी को मजबूत करने में लगे हैं उनका भी इम्तिहान हो जाएगा आखिर उनके नेत्रत्व में दिल्ली में कांग्रेस कहाँ खड़ी है | भाजपा के लिए सबसे प्रतिष्ठित सीट शालीमार बाग़ और द्वारका बी रहने वाली है | शालीमार बाग़ से सी.एम.साहिबा तो द्वारका से सांसद बनी कमलजीत सहरावत निगम पार्षद थी | 12 में से आधी यानी 6 सीटें सामान्य है वहीं पांच सीटें महिला है तो दक्षिणपुरी एस.सी.के लिए आरक्षित है | कुल मिलाकर तीनों पार्टियों के लिए यह साबित करने का मौका है हमसे बेहतर कोई नहीं है | ये परिणाम निगम की सियासत को तो पूरी तरह से प्रभावित करेगें ही इसके परिणामों का संदेश दिल्ली की भविष्य की राजनीती भी तय करेगा | इस सम्भावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता |

कमल कम सीटों पर खिला तो समझ लीजिये काउंटडाउन शुरू और यदि झाड़ू कम रही तो समझ लीजिये बची हुई तिल्लियां बिख्ररनी तय और यदि कांग्रेस नें दमखम दिखाया तो उम्मीद की एक किरण वापसी की ओर | अब आप ही बताये हैडलाइन ठीक लिखी है ना हमने | चुनाव परिणाम यह भी तय करेगें क्या भाजपा अपने बूते पर निगम में बहुमत का आंकड़ा 126 छू सकती है जो अभी 9 कम है | क्या आप अपना शतक पूरा कर पाएगी जो अभी केवल एक कम है और क्या कांग्रेस दो अंकों तक पहुंच पाएगी जो अभी तीन कम हैं | ये तीनों ही बातें सम्भव लगती है बस थोडा इन्तजार कीजिये | आज बस इतना ही …

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