ब्राह्मण कुल में जन्मे भगवान वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण की मान्यता दुनिया भर में : अश्वनी भारद्वाज

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अश्वनी भारद्वाज
ब्राह्मण कुल में जन्मे भगवान वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण की मान्यता दुनिया भर में : अश्वनी भारद्वाज

ब्राह्मण कुल में जन्मे भगवान वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण की मान्यता दुनिया भर में : अश्वनी भारद्वाज

– हर्ष भारद्वाज –

नई दिल्ली , ब्राह्मण कुल में जन्मे भगवान महर्षि आदिकवि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण की मान्यता पूरी दुनिया में है | 24 हजार श्लोक वह भी संस्कृत में उनके ज्ञान की व्याख्या खुद करते है | यह कहना था वरिष्ठ पत्रकार अश्विनी भारद्वाज का | अश्वनी भारद्वाज नें उक्त विचार पूर्वी तथा उत्तर पूर्वी दिल्ली में आयोजित कई स्थानों पर आयोजित बाल्मीकि जयंती के कार्यक्रमों में व्यक्त किये |

अश्वनी भारद्वाज नें कहा भगवान श्री बाल्मीकि को शास्त्रों के अलावा नक्षत्र तथा शस्त्र विद्या का भी पूरा ज्ञान था | बाल्मीकि जी तीनो लोको के सर्वप्रथम कवि थे यानी आदिकवि | बाल्मीकि जी के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा तीनों युगों तक बाल्मीकि जी की मौजूदगी से उनके व्यक्तित्व को समझना आसान नहीं है | स्वय प्रभु श्री राम तथा भगवान श्री कृष्ण नें उनके जीवनकाल का वर्णन अपने श्री मुख से किया है | रामनगर मंडोली रोड पर बाल्मीकि जयंती धूमधाम से मनाई गई | आयोजन अनिल शील , धर्मपाल चंदेल और टीम के सदस्यों नें किया |

इस मौके पर सीलमपुर के विधायक चौधरी जुबेर अहमद पूर्व विधायक विपिन शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार अश्वनी भारद्वाज , निगम पार्षद शिवानी पांचाल, अनिल शील , धर्मपाल चंदेल,नासिर जावेद परमानंद शर्मा ,मंडोली रोड मार्केट की अध्यक्ष बिन्नी वर्मा, सन्गठन मंत्री मुकेश पांचाल ,पूर्व जोन चेयरमेन ईश्वर सिंह बागड़ी,सुनील सागर,सुमनलता नागर ,डॉ. नवीन चन्द्रा, अनिल शील , धर्मपाल चंदेल, कपिल गहलोत ,दीपू विजय गहलोत , चौ.कुशाहल सिंह, रविंद्र गौतम सहित क्षेत्र के सैकड़ो गण मान्य व्यक्ति पहुंचे | पूर्व विधायक विपिन शर्मा नें कहा वाल्मीकि जी सबसे पहले कवि थे जिन्होंने महाकाव्य रामायण की रचना की हमें उनकेआदर्शों पर चलना चाहिए |

विधायक जुबेर अहमद ने कहा वाल्मीकि जी ने रामायण लिखकर एक सुंदर रचना की जिसे सुनकर पढ़कर लोग अपना बेड़ा पार कर लेते हैं भवसागर से पार उतर जाते हैं | परमानन्द शर्मा नें भगवान राम के चरित्र का वर्णन किया भगवान राम पुरुषोत्तम मर्यादा पुरुषोत्तम है मुकेश पंचाल ने कहा उल्टा नाम जपे जग जाना बाल्मिक भाई ब्रह्म समाना वाल्मीकि जी ने मरा मरा करते हुए राम राम रटा और रामायण की रचना कर डाली | आयोजक अनिल शील , धर्मपाल चंदेल ने सभी आए हुए अतिथियों का स्वागत सम्मान किया | इस अवसर पर सभी अतिथियों को वाल्मीकि सम्मान से सम्मानित किया सभी को ,पटके पहना कर सममान किया इस अवसर पर चौधरी जुबेर अहमद एवं अश्वनी भारद्वाज ने आए हुए सभी भक्तों को भंडारा वितरण किया |

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