यमुना में मूर्ति विसर्जन पर जुर्माना अच्छा निर्णय : निर्मल गुप्ता
* पुलिस और निगम को रहना होगा अलर्ट
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : गणेश पूजा और दुर्गा पूजा के दौरान यदि यमुना में मूर्ति विसर्जन किया तो 50 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने इसके लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। आर.डब्लू.ए.विवेक विहार के अध्यक्ष तथा प्रसिद्ध धार्मिक एवं सामजिक नेता निर्मल गुप्ता नें दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के इस निर्णय का स्वागत किया है | निर्मल गुप्ता कहते है यह निर्णय समय की मांग है एक तरफ तो सरकार यमुना की सफाई को लेकर नीतियां बनती है और उन पर काम करती है दूसरी ओर लोग यमुना को प्रदूषित करते रहते हैं |
निर्मल गुप्ता कहते हैं जुर्माना राशि और अधिक होनी चाहिए | और जो लोग यमुना में कूड़े की थैलियाँ या और गंद फेंकते हैं उनपर भी जुर्माना लगना चाहिए | निर्मल गुप्ता कहते हैं लोगो को सोचना तो खुद ही चाहिए लेकिन लोग मानते नहीं अब कम से कम उन्हें जुर्माने का भय तो रहेगा | इन गाइडलाइंस में डीपीसीसी ने साफ किया है कि नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के 2019 व 2021 में जारी आदेश के अनुसार, गंगा और उसकी सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जन करने पर 50 हजार रुपये का पर्यावरण क्षति शुल्क लगाया जाएगा।
इन गाइडलाइंस में डीपीसीसी ने साफ किया है कि नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के 2019 व 2021 में जारी आदेश के अनुसार, गंगा और उसकी सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जन करने पर 50 हजार रुपये का पर्यावरण क्षति शुल्क लगाया जाएगा। निर्मल गुप्ता कहते हैं मूर्ति विसर्जन की वजह से यमुना के पानी में कई तरह के केमिकल्स जैसे मर्करी, जिंक आक्साइड, क्रोमियम, लेड, कैडमियम आदि घुल जाते हैं। यह जल में रहने वाले जीवों के लिए काफी नुकसानदेह है। इस तरह के पानी की मछलियां जब व्यक्ति खाते हैं तो उनमें कई तरह की बीमारी का खतरा होता है। निर्मल गुप्ता नें पुलिस अधिकारीयों के साथ-साथ निगम अधिकारीयों से भी आग्रह किया है वे यमुना तटों पर खास निगरानी रखें और नियमों की अवहेलना करने वालों पर तुरंत एक्शन लें |



