India vs England 4th Test: रवींद्र जडेजा के बाद अब वाशिंगटन सुंदर ने भी जड़ा शतक, ड्रा हुआ मैनचेस्टर टेस्ट
भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया चौथा टेस्ट रोमांचक मोड़ पर आकर ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इंग्लैंड ने पहली पारी में जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए 669 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर भारत पर 311 रन की बढ़त बना ली थी। लेकिन भारतीय टीम ने आखिरी दिन अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और धैर्य का परिचय देते हुए मैच को ड्रॉ करवाने में कामयाबी हासिल की।
भारतीय बल्लेबाजी की शुरुआत दूसरी पारी में बेहद खराब रही। मैच के पांचवें दिन पहले ही ओवर में यशस्वी जायसवाल और साई सुदर्शन दोनों बिना खाता खोले आउट हो गए। शुरुआती झटकों के बाद शुभमन गिल और केएल राहुल ने मोर्चा संभाला और तीसरे विकेट के लिए शानदार 188 रन की साझेदारी की। यह साझेदारी भारतीय टीम के लिए संजीवनी साबित हुई और इंग्लैंड की बढ़त को खतरे में डाल दिया।
केएल राहुल ने 230 गेंदों पर 90 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली जबकि कप्तान शुभमन गिल ने जिम्मेदारी भरी पारी में 238 गेंदों पर 103 रन बनाए। गिल को जोफ्रा आर्चर ने आउट किया, जबकि बेन स्टोक्स ने राहुल की साझेदारी तोड़ी।
इसके बाद मैदान में उतरे वॉशिंगटन सुंदर और रविंद्र जडेजा ने इंग्लिश गेंदबाजों को थकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दोनों के बीच भी एक शतकीय साझेदारी हुई और दोनों ने व्यक्तिगत शतक पूरे किए। वॉशिंगटन सुंदर ने 101 और रविंद्र जडेजा ने 107 रन की पारी खेलकर भारत को 425/4 के स्कोर तक पहुंचा दिया।
इंग्लैंड की टीम को इस ड्रॉ से काफी निराशा हाथ लगी क्योंकि उन्होंने अपनी पहली पारी में 669 रन बनाकर भारत पर पूरी तरह दबाव बना दिया था। भारत की पहली पारी 358 रनों पर सिमटी थी जिससे इंग्लैंड को 311 रन की बड़ी बढ़त मिली थी। लेकिन दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने अद्भुत जुझारूपन दिखाते हुए मैच को इंग्लैंड की पकड़ से बाहर निकाल दिया।
यह मैच भारतीय बल्लेबाजों के धैर्य, संयम और दृढ़ता का प्रतीक बन गया। शुभमन गिल, केएल राहुल, रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर की पारियों ने ना केवल मैच बचाया बल्कि टीम इंडिया को मानसिक बढ़त भी दिलाई।
इस मुकाबले ने साबित कर दिया कि टेस्ट क्रिकेट में कभी भी आत्मसमर्पण नहीं करना चाहिए और सही रणनीति तथा अनुशासन के बल पर असंभव को भी संभव किया जा सकता है।



