Pakistan Bus Attack: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में नृशंस हत्याकांड: बस से उतारकर 9 यात्रियों की गोली मारकर हत्या, पहचान पत्र देखकर की वारदात

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Pakistan Bus Attack: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में नृशंस हत्याकांड: बस से उतारकर 9 यात्रियों की गोली मारकर हत्या, पहचान पत्र देखकर की वारदात

कराची, 11 जुलाई — पाकिस्तान में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। बलूचिस्तान प्रांत के झोब इलाके में शुक्रवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने एक यात्री बस को निशाना बनाते हुए 9 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी। यह भयावह वारदात राष्ट्रीय राजमार्ग पर उस समय हुई, जब हमलावरों ने बस रोककर उसमें सवार यात्रियों से पहचान पत्र दिखाने को कहा, फिर पंजाब प्रांत के 9 यात्रियों को नीचे उतारकर गोलियों से भून दिया।

घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। मृतकों की पहचान पंजाब के विभिन्न जिलों के निवासियों के रूप में हुई है। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए नजदीकी अस्पताल भेजा गया है। स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

सहायक आयुक्त नवीद आलम ने बताया कि यह हमला झोब जिले के एक व्यस्त राजमार्ग पर हुआ। बस क्वेटा से लाहौर जा रही थी, और उस पर कई राज्यों से लोग सवार थे। यात्रियों को टारगेट करने का यह तरीका इस बात की ओर इशारा करता है कि हमलावरों का मकसद जातीय या प्रांतीय पहचान के आधार पर हत्या करना था, जो पाकिस्तान में बढ़ते आंतरिक संघर्ष और असहिष्णुता को उजागर करता है।

यह पहली बार नहीं है जब बलूचिस्तान में इस तरह की घटना हुई हो। यह प्रांत, जो ईरान और अफगानिस्तान की सीमाओं से सटा हुआ है, कई वर्षों से उग्रवादी हिंसा का केंद्र बना हुआ है। बलूच अलगाववादी संगठन अक्सर सुरक्षाबलों, सरकारी परियोजनाओं और खासकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से जुड़ी गतिविधियों को निशाना बनाते रहे हैं। यह आर्थिक गलियारा 60 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से बनाया जा रहा है, जो चीन के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जाता है।

हाल ही में बलूचिस्तान में क्वेटा, लोरालाई और मस्तुंग जैसे क्षेत्रों में भी आतंकवादी हमलों की घटनाएं सामने आई थीं, हालांकि बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद का दावा है कि कई हमलों को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया। लेकिन शुक्रवार को हुई इस घटना ने एक बार फिर पाकिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था और आतंरिक अस्थिरता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी है। यह स्पष्ट नहीं है कि हमलावर किसी विद्रोही संगठन से जुड़े थे या किसी उग्र स्थानीय गुट से। लेकिन जिस तरह से यात्रियों को टारगेट किया गया, वह दर्शाता है कि हमलावरों को पूर्व से योजना और जानकारी थी।

इस जघन्य हमले की निंदा करते हुए मानवाधिकार संगठनों ने कहा है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों और विभिन्न प्रांतीय समुदायों की सुरक्षा अब एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। केंद्र सरकार से मांग की गई है कि वह बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों की मौजूदगी और खुफिया नेटवर्क को और मजबूत करे।

इस क्रूर हत्याकांड ने पाकिस्तान की आंतरिक एकता, कानून व्यवस्था और मानवाधिकार की स्थिति पर एक बार फिर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।

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