धोबी ने कायम की ईमानदारी की मिसाल ,जेब में मिली रकम वापस लौटाई
रामनगर का देवेन्द्र पहले भी लौटा चुका है कई को पैसे
– हर्ष भारद्वाज –
नई दिल्ली ,हैडलाइन पढकर आपको यकीन नहीं हो रहा होगा कि आज के समय में भी ऐसे ईमानदार लोग बचे है जो दिनभर मेहनत कर मुश्किल से चार-पांच सौ रुपये ही कमा पाते हैं लेकिन अपने सिद्धांत पर चलते हुए बेईमानी से कोसों दूर रहते हैं | और जो कुछ भी उन्हें मेहनत और ईमानदारी से मिलता है उससे ही अपनी जीविका चलाते हुए अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं | जी हाँ ऐसे ही कर्मशील देवेन्द्र कुमार का जिक्र हम करने जा रहे हैं करीब 56
वर्षीय देवेन्द्र जो रामनगर विस्तार शाहदरा में रविदास मंदिर के सामने बाल्यावस्था से ही कपड़ो पर प्रेस करने का काम करते हैं और हर्ष विहार में रहते हैं बहुत मेहनती एवं सामजिक व्यक्ति है धर्मशाला में होने वाले तमाम सामजिक कार्यों में अपना योगदान देते हुए हाथ बटाते है तथा हर किसी के सुख -दुःख में शामिल होते हैं जिस दिन धर्मशाला में कोई भी सामजिक कार्य होता है उसमें भी उनकी भागीदारी रहती है और यदि कोई भंडारा आदि हो तो पूरी सेवा करते उन्हें देखा जा सकता है यानी उस दिन प्रेस के काम की भी कम से कम आधे दिन की छुट्टी तो पक्की |
हमारा देवेन्द्र भाई से कई दशक पुराना सम्पर्क है | देवेन्द्र की आदत में शुमार है जब भी वे किसी कपड़े पर प्रेस करते हैं तो उसकी जेब जरुर देखते हैं त्ताकी किसी का जरूरी कागज या उसमे नकदी आदि तो नहीं है | और यदि मिलता है तो वे उसे उसके मालिक को लौटा देते हैं | महीने भर में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब वे लोगो को उनकी जेब में मिले दस से सौ रूपये तक मिलने पर वापस देते रहे हैं | कई बार उन्होंने पांच-पांच सौ रूपये भी लोगो को वापस दिए हैं | देवेन्द्र कहते हैं ऐसा कर वे अपना कर्तव्य निभाते हैं |
तीन दिन पूर्व रामनगर निवासी सुशील पांचाल नामक एक सज्जन की जेब से देवेन्द्र कुमार को दस हजार रूपये मिले | देवेन्द्र के मन में बड़ी रकम देखने के बाद भी कोई लालच नहीं आया और वे जब सुशील पांचाल के घर कपड़े देने पहुंचे तो उन्होंने अपनी जेब से दस हजार रूपये उन्हें यह कहते हुए लौटा दिए यह रकम उन्हें उनकी जेब से प्रेस करते समय मिली है | सुशील पांचाल का कहना है उन्हें आभास तक नहीं था कि उनकी जेब में इतनी रकम थी | सुशील पांचाल नें देवेन्द्र कुमार का आभार व्यक्त करते हुए उनका अभिनन्दन किया | इस बाबत सुशील पांचाल नें बातचीत में बताया वे देवेन्द्र के इस कार्य के लिए उन्हें सार्वजनिक रूप से सम्मानित भी करेगें | वीर अर्जुन नें भी उन्हें इस नेक कार्य के लिए आगामी किसी कार्यक्रम में सम्मानित करने का निर्णय लिया है | देवेन्द्र बताते है उन्हें यह प्रेरणा अपने पिता जी रूप चंद से मिली है रूप चंद भी राम नगर में ही कपड़ो पर प्रेस करने का काम किया करते थे |



