नये राशन कार्ड नहीं बनने से हो रही है हजारों गरीबों को परेशानी : मेरोठिया
नई दिल्ली (सी.पी.एन.न्यूज़ ) : खुद को गरीबों की पार्टी कहने वाली आम आदमी पार्टी के दस साल के शासन में एक भी नया राशन कार्ड नहीं बनना इस पार्टी के चेहरे को बेनकाब करता है | यह कहना है पड़पड़ गंज जिला कांग्रेस के पूर्व महामंत्री राज कुमार मेरोठिया का | राज कुमार कहते हैं ऐसा होने से दिल्ली के लाखों मेहनतकश लोग राशन लेने से वंचित हो रहे हैं |
श्री मेरोठिया कहते हैं राजधानी दिल्ली में पिछले दस साल से जहां एक भी नया राशन कार्ड नहीं बना वहीं परिवार में बढ़े सदस्यों के नाम भी नहीं लिखे गए | दिल्ली की आबादी में बड़ा ईजाफा होने के बावजूद नये राशन कार्ड नहीं बनना दुर्भाग्य ही है | जिसके चलते बड़ी तादाद में लोगो को परेशानी उठानी पडती है | कांग्रेस की यूपीए सरकार ने फूड सिक्योरिटी एक्ट लाकर तय किया 2012-13 में दिल्ली में 72 लाख राशन कार्ड लोगों को देने की संख्या निश्चित करके उन्हें 2 रुपये किलो गेहू और 3 रुपये किलो चावल देना सुनिश्चित किया गया और अन्नश्री योजना के तहत अत्यंत बीपीएल और अंतोदय गरीबों को खाद्य सामग्री के लिए 600 रुपये प्रत्येक सदस्य और परिवार के खाते में 4800 रुपये देने की योजना बनाई जिसके तहत तुरंत 2 लाख गरीबां के लिए लागू की गई। 2014 में सत्ता आने के बाद से ही केजरीवाल सरकार ने गरीबों को मिलने राशन में कटौती करके गरीब दिल्लीवालों को मुफ्त राशन का सब्जबाग दिखाकर उनके साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि पिछले 10 वर्षों एक भी नया राशन कार्ड नही बना और न ही जन्में बच्चे का नाम जुड़ा है और न मरने वाले का नाम कटा है, मतलब राशन विभाग पूरी तरह निष्क्रिय रहा है।
राजकुमार कहते हैं कि 90 हजार अंतोदय कार्ड अत्यंत गरीब, दलितों, वचित, पिछड़ो के लिए होते है जिन्हें आम आदमी पार्टी द्वारा लागू नही करने के कारण मामले उपराज्यपाल के आदेश पर मुख्य सचिव द्वारा जांच होनी है। अत्यंत गरीबों के कल्याण और भरण पोषण करने की बजाय आम आदमी पार्टी सिर्फ वोट की राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने गरीबों के राशन के लिए कभी संवेदनशीलता नही दिखाई और सिर्फ जमाखोरों, कालाबाजारी
करने वाले धन्ना सेठों के लिए काम किया है, जिसके कारण 14.68 लाख लाभार्थियों के लिए राशन कार्ड जारी नही किए गए। दिल्ली सरकार द्वारा जनवरी 2024 में यह आदेश हुआ कि दिल्ली में राशन मिलने के लिए लाभार्थियों की संख्या कितनी है, इसके आंकड़े तैयार किए जाए परंतु अभी साल खत्म होने वाला है, दिल्ली के गरीब लोगों के लिए अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने फूड सिक्योरिटी एक्ट 7 में गरीबों को राशन न दिए जाने की स्थिति में उनके खाते में सीधा राशि देने का प्रावधान किया गया था और दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने दिल्ली में गरीबों को न राशन दिया और न ही लाभार्थियों के खाते में कोई राशि दी।