खुद को ‘खुदा’ समझता था ये सुपरस्टार, अहंकार ने कर दिया बर्बाद! अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना से भी थी जलन, जानें कौन थे वो

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Rajesh Khanna Death Anniversary stardom made him arrogant who kept jealous  with Amitabh Bachchan vinod khanna unknown facts | खुद को 'खुदा' समझता था  ये सुपरस्टार, अहंकार ने कर दिया बर्बाद! अमिताभ

 

खुद को ‘खुदा’ समझता था ये सुपरस्टार, अहंकार ने कर दिया बर्बाद! अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना से भी थी जलन, जानें कौन थे वो

हिंदी सिनेमा में कई ऐसे पुराने सितारे थे जिनके अलग-अलग किस्से मशहूर हैं. उनमें से एक राजेश खन्ना थे जिनके अंदर भर-भरकर एरोगेंस था और स्टारडम सिर चढ़ गया था.

बॉलीवुड का एक ऐसा कलाकार जिसने अपने ऊंचाईयां भी देखीं लेकिन साथ में गिरता हुआ स्टारडम भी देखा. एक ऐसा एक्टर जो फिल्मों में काम मांगने भी कार में बैठकर जाता था और हमेशा बिना परमिशन के प्रोड्यूसर से मिलने चला जाता था. उस एक्टर की हर लड़की दीवानी थी और उसपर दिल एक 15 साल की लड़की का भी आया.

उस बेमिसाल एक्टर का नाम राजेश खन्ना था जिनका आज ही के दिन निधन हुआ था. आज राजेश खन्ना के निधन को 12 साल हो गए हैं. इस मौके पर चलिए आपको उनके करियर के कुछ चढ़ते हुए तो कुछ गिरते हुए किस्सों को बताते हैं.

कौन थे राजेश खन्ना?

29 दिसंबर 1942 को जतिन खन्ना का जन्म पंजाब के अमृतसर में हुआ. जतिन एक सम्पन्न परिवार से बिलॉन्ग करते थे लेकिन देश के बंटवारे के बाद इनके पिता की नौकरी चली और उनके लिए बच्चों को पालना मुश्किल हो रहा था. तभी उन्होंने अपने एक रिलेटिव को जतिन खन्ना की परवरिश करने की जिम्मेदारी दे दी थी. वो रिश्तेदार मुंबई में रेलवे विभाग के अधिकारी थे.

जतिन खन्ना की परवरिश अच्छे से हुई. स्कूल-कॉलेज के साथ वो काफी लाड-प्यार से पाले गए थे. एक्टिंग का शौक उन्हें बचपन से था इसलिए वो स्कूल-कॉलेज में प्लेज किया करते थे. जतिन खन्ना के मामा ने कहा कि फिल्मों में काम करना है तो अपना नाम बदलो और उसी के साथ लोगों से काम मांगो तब उनका नाम उनके मामा ने राजेश खन्ना रखा था.

राजेश खन्ना का संघर्ष और पहली फिल्म

उस समय लगभग 23 साल के राजेश खन्ना दीवानों की तरह फिल्मों में काम ढूंढ रहे थे लेकिन कुछ हो नहीं पा रहा था. तभी उनके मामा ने बताया कि एक क्लब है जहां बड़े-बड़े फिल्म प्रोड्यूसर्स आते हैं वहां जाओ. यहां पर राजेश खन्ना की मुलाकात एक आदमी से हुई जिन्होंने उन्हें फिल्मफेयर टैलेंट हंट शो के बारे में बताया फिर राजेश खन्ना ने इसमें पार्टिसिपेट किया. बताया जाता है कि लगभग 10 हजार कंटेस्टेंट्स में से राजेश खन्ना ने ट्रॉफी जीती और उन्हें पहली फिल्म राज (1967) मिली लेकिन उसी दौरान उन्हें फिल्म आखिरी रात (1966) भी मिली और रिलीज भी पहले वही हुई.

बताया जाता है कि ये दोनों फिल्में सफल रहीं और फिर जब राजेश खन्ना काम मांगने जाते थे तो अपनी कार में बैठकर जाते थे. प्रोड्यूसर के कैबिन में बिना किसी से पूछे जाते थे, फिल्मों के सेट पर जब वो लेट आते और अगर उनसे किसी ने कुछ कह दिया तो वो साफ कह देते थे, ‘मैं फिल्मों और करियर के लिए अपनी लाइफस्टाइल नहीं बदल सकता.’ कुछ ऐसा अंदाज था राजेश खन्ना का लेकिन फिर भी उन्हें फिल्में मिलती थीं क्योंकि लोग उन्हें पसंद करने लगे थे.

राजेश खन्ना का स्टारडम

साल 1969 में राजेश खन्ना को सफलता के पीक पर पहुंचाने का काम फिल्म अराधना (1969) ने कर दिया था. इस पिल्म ने बॉक्स ऑफिस के सभी रिकॉर्ड तोड़े और गाने घर-घर में बजने लगे थे. राजेश खन्ना का स्टाइल लोग कॉपी करने लगे थे और प्रोड्यूसर्स की लाइन उनके घर के बाहर लगने लगी थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1970 और 1971 में राजेश खन्ना की ‘द ट्रेन’, ‘सच्चा झूठा’, ‘सफर’, ‘आन मिलो सजना’, ‘कटी पतंग’, ‘हाथी मेरे साथ’, ‘महबूब की मेहंदी’, ‘अंदाज’, ‘आनंद’, ‘मर्यादा’ जैसी बैक टू बैक सुपरहिट फिल्में दीं और ऐसा करने वाले वो हिंदी सिनेमा के पहले स्टार बने जिन्हें सुपरस्टार की प्रसिद्धि मिली.

राजेश खन्ना का निधन

उस दौर के एक इंटरव्यू में राजेश खन्ना ने कहा था कि उनकी फिल्में फ्लॉप हो रही हैं वो आज भी सुपरस्टार हैं. खैर 80’s का दशक आते-आते राजेश खन्ना को पिता का, बड़े भाई का रोल मिलने लगा और 2000 आते-आते उन्होंने फिल्मों में काम करना पूरी तरह से बंद कर दिया. 18 जुलाई 2012 को राजेश खन्ना का निधन मुंबई में हो गया था.

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