गठबंधन के तहत पांच और दो का फार्मूला ही बन पाएगा दिल्ली में केजरीवाल दूसरी सीट के एवज में गुजरात में मांग रहे हैं सीट

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गठबंधन के तहत पांच और दो का फार्मूला ही बन पाएगा दिल्ली में केजरीवाल दूसरी सीट के एवज में गुजरात में मांग रहे हैं सीट
गठबंधन के तहत पांच और दो का फार्मूला ही बन पाएगा दिल्ली में केजरीवाल दूसरी सीट के एवज में गुजरात में मांग रहे हैं सीट

गठबंधन के तहत पांच और दो का फार्मूला ही बन पाएगा दिल्ली में केजरीवाल दूसरी सीट के एवज में गुजरात में मांग रहे हैं सीट

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन इण्डिया में कांग्रेस और अन्य दलों के साथ आम आदमी पार्टी भी शामिल है | सीटों के बटवारे को ले देश भरमें दुविधा में फसी कांग्रेस के लिए राजधानी दिल्ली में भी पेंच है | लेकिन राहुल गांधी विपक्षी दलों के साथ किसी भी कीमत पर समझौते को तैयार है | वे हर सूरत में अभी नहीं तो कभी नहीं की रणनीति पर काम कर रहे हैं और कोई भी कुर्बानी देने को तैयार बताये जाते हैं | हालांकि दिल्ली में सीटो के बटवारे को ले अभी कोई विधिवत बैठक या चर्चा नहीं हुई है लेकिन राहुल गांधी नें अरविन्द्र सिंह लवली को दिल्ली कांग्रेस की बागडौर सौंप यह संकेत दे दिए है कि लोक सभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के साथ गठ्बन्धन के तहत ही चुनाव लड़ा जाएगा | उल्लेखनीय है दिल्ली के और बड़े नेता गठ्बन्धन के विरोध में बयानबाजी करते रहे हैं शायद इसीलिए गठ्बन्धन के पक्षधर लवली को यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है | लवली कल वीरवार को पदभार सम्भालने वाले हैं लेकिन उन्होंने हाईकमान के इशारे पर इस ओर मंथन करना शुरू कर दिया है | अरविन्द केजरीवाल तो पिछले लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस के साथ गठ्बन्धन चाहते थे

गठबंधन के तहत पांच और दो का फार्मूला ही बन पाएगा दिल्ली में केजरीवाल दूसरी सीट के एवज में गुजरात में मांग रहे हैं सीट

 

लेकिन स्व.शीला दीक्षित नहीं चाहती थी और तब कोई विपक्षी गठबंधन भी नहीं बना था | लेकिन आज हालत पलट है और चुनाव गठबंधन के तहत ही होंगे | मिली जानकारी के मुताबिक अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की सात सीटों में से छह पर आप पार्टी को लडवाना चाहते हैं जबकि कांग्रेस कम से कम तीन सीटें चाहती हैं | लेकिन कांग्रेस आम आदमी पार्टी को केवल राजधानी दिल्ली और पंजाब तक ही सीटें देने के पक्ष में है क्योंकि दोनों स्थानों पर आम आदमी पार्टी दो तिहाई बहुमत से सरकार में है लिहाजा दोनों स्थानों पर ही सीट बटवारे में आप पार्टी की भावनाओं का ध्यान रखा जाएगा |

जहां तक पंजाब का सवाल है कांग्रेस के वहां से सात सांसद है जबकि छह सीटों पर अन्य का कब्जा है सीटिंग को छोड़ कांग्रेस अन्य सभी सीटें आप को देने का फार्मूला तय कर सकती है | जबकि दिल्ली में दोनों ही पार्टियों का एक भी सांसद नहीं है और कांग्रेस पिछले लोकसभा चुनावों में पांच सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी इसलिए तीन सीटों पर दावेदारी जताई जा रही है लेकिन फैंसला दो सीटों से अधिक नहीं होने वाला उसके एवज में भी कांग्रेस को गुजरात से आम आदमी पार्टी के लिए एक या दो सीटें देने की बात की जा सकती है | कुछ भी हो सीटो के बटवारे को ले अन्य राज्यों की तरह दिल्ली और पंजाब में ज्यादा बखेड़ा होने की सम्भावना नहीं है क्योंकि राहुल गांधी के साथ-साथ अरविन्द केजरीवाल भी गठ्बन्धन के माध्यम से भाजपा को घेरने के मूड में हैं |

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