सनातन धर्म पर बयान मामले में उदयनिधि स्टालिन और ए राजा के खिलाफ SC में याचिका, कहा- दर्ज हो मुकदमा
सनातन धर्म को लेकर डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन और ए राजा के बयान का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. याचिकाकर्ता ने दोनों नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन और डीएमके सांसद ए राजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (7 सितंबर) को याचिका दायर की गई. याचिकाकर्ता विनीत जिंदल ने बताया कि उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को खत्म करने का बयान दिया, लेकिन फिर भी तमिलनाडु पुलिस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की.
याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि मामले में दिल्ली पुलिस को भी शिकायत दी गई थी, लेकिन उसने भी एफआईआर दर्ज नहीं की. चूंकि, सुप्रीम कोर्ट पहले सभी राज्यों की पुलिस को नफरत फैलाने वाले बयानों पर कार्रवाई का निर्देश दे चुका है. इस कारण डीएमके नेता उदयनिधि पर मुकदमा दर्ज नहीं करके तमिलनाडु और दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की भी अवमानना की है.
याचिका में उदयनिधि स्टालिन के अलावा ए राजा के भी बयान के बारे में बताया गया है. इन दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की गई है.
ए राजा ने क्या कहा?
डीएमके नेता ए राजा ने टिप्पणी की थी कि सनातन धर्म की तुलना एड्स से की जानी चाहिए, जिनके साथ सामाजिक कलंक जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा, ”उदयनिधि स्टालिन ने डेंगू और मलेरिया से तुलना करके विनम्रता दिखाई है.”
उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था?
उदयनिधि स्टालिन ने तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक एवं कलाकार संघ की चेन्नई में हुई एक बैठक को संबोधित करते हुए सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू की थी. इस कारण समाज में भेदभाव हो रहा है.