‘ओह माय गॉड 2’ को मिली हरी झंडी, ‘A’ सर्टिफिकेट के साथ होगी रिलीज

0
70

सेंसर बोर्ड के पचड़ों में फंसी अक्षय कुमार की ‘ओह माय गॉड 2’ को मिली हरी झंडी, ‘A’ सर्टिफिकेट के साथ होगी रिलीज

अक्षय कुमार की फिल्म ओह माई गॉड 2 पिछले कई दिनों से पचड़ों में फंसी हुई थी. अब इसकी रिलीज को हरी झंडी मिल गई है और ये अब 11 अगस्त को ही सिनेमाघरों में रिलीज होगी.

आस्था और सेक्स एजुकेशन पर आधारित फिल्म ‘ओह माय गॉड 2’ को लेकर सेंसर बोर्ड को जिस तरह की आपत्तियां थीं और जिस तरह से बोर्ड ने फिल्म को 20 से ज्यादा बदलावों और कट्स के साथ ‘A’ सर्टिफिकेट देने का प्रस्ताव मेकर्स के सामने रखा था उससे तो यही लग रहा था कि यह फिल्म अपनी तय तारीख यानी 11 अगस्त को रिलीज नहीं हो पाएगी. मेकर्स को सेंसर द्वारा दिये जाने वाले कट्स, बदलाव और ‘A’ सर्टिफिकेट देने के सुझाव रास नहीं आ रहे थे. मगर 20 से ज्यादा बदलावों के साथ आखिरकार ‘ओह माय गॉड 2’ को ‘A’ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है, जिसे अब मेकर्स ने ना चाहते हुए स्वीकार कर लिया है और इस तरह से अब 11 अगस्त को इस फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ हो गया है. चलिए, अब आपको बताते हैं कि ‘ओह माय गॉड 2’ में आखिर किस तरह के बदलाव किये गये हैं.

सेंसर बोर्ड की सबसे बड़ी आपत्ति इस बात को थी कि फिल्म में अक्षय कुमार के किरदार को शिव भगवान के रूप में पेश गया है और फिल्म‌ का विषय सेक्स एजुकेशन है. ऐसे में फिल्म देखने वाले दर्शकों की भावनाएं आहत हो सकती हैं. अब सेंसर बोर्ड के निर्देश के चलते अक्षय कुमार के किरदार में बदलाव किया गया है. फिल्म में अब उन्हें शिव के दूत और शिवभक्त के रूप में दिखाया जाएगा, ना की स्वयं शिव भगवान के रूप में. इसी के साथ फिल्म में डायलॉग भी जोड़ा गया है जो इस प्रकार है, “नंदी मेरे भक्त… जो आज्ञा प्रभु”.

फिल्म में दर्शाए गये सेक्स एजुकेशन जैसे विषय को देखते हुए सेंसर बोर्ड को फिल्म में अक्षय कुमार के शिव भगवान का के रूप में पेश करने को लेकर आपत्ति थी जिसमें सेंसर बोर्ड बदलाव चाहता था और इसीलिए अब अक्षय फिल्म में अब शिवभक्त और देवदूत के रूप में दिखाई देंगे.

चलिए अब ये भी जान लेते हैं कि सेंसर बोर्ड ने ‘ओह माय गॉड 2’ में प्रमुख रूप से और किस तरह के बदलाव किये हैं : 

– एक जगह पर भगवान शिव के दूत को नशे में दिखाया गया है जो इस दौरान एक खास किस्म का डायलॉग भी बोलते हैं. इस दृश्य और डायलॉग दोनों में ही जरूरी बदलाव किये गये हैं.

– फिल्म में फ्रंटल न्यूडिटी के दृश्यों को हटाकर नागा साधुओं के दृश्यों के साथ रीप्लेस कर दिया गया है.

– मंदिर में महिलाओं को संबोधित किये जाने वाले एक आपत्तिजनक अनाउंसमेंट से जुड़ी पंक्तियों को हर जगह पर बदल दिया गया है.

– एबीपी न्यूज की जानकारी के मुताबिक फिल्म की कहानी महाकाल की नगरी उज्जैन में सेट है और फिल्म की कहानी काल्पनिक है जो सेक्स एजुकेशन की महत्ता पर बात करती है. ऐसे में सेंसर बोर्ड ने फिल्म में वास्तविक नाम वाली जगह का नाम बदलकर इसे एक काल्पनिक नाम देने का आदेश मेकर्स को दिया है.

– जहां कहीं भी स्कूल का नाम दिखाया गया है, उसे बदलकर ‘सवोदय’ कर दिया गया है.

– भगवान को प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाने को लेकर व्हिस्की, रम जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है. इन्हें हटाकर डायलॉग को ‘वहां मदीरा चढ़े है…’ कर दिया गया है.

– फिल्म में स्वतंत्र रूप से ‘लिंग’ शब्द के इस्तेमाल की जगह ‘शिवलिंग’ अथवा ‘शिव’ जैसे शब्दों के इस्तेमाल का आदेश सेंसर बोर्ड ने दिया है.

– फिल्म में ‘क्या होवे है…’ से लेकर ‘आप अश्लील कह रहीं’ वाले डायलॉग के बीच में आने वाले ‘शिव जी के लिंग’, ‘अश्लीलता’, ‘श्री भगवद गीता’, ‘उपनिषद’, ‘अथर्वेद’, ‘द्रोपदी’, ‘पांडव’, ‘कृष्णा’, ‘गोपियां’ ‘रास लीला’ जैसे संदर्भों और शब्दों को हटा दिया गया है.

सेक्स रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश कोठारी को फ़िल्म में हस्तमैथुन (मैस्टरबेशन) के बारे में विस्तार से बात करते हुए दिखाया गया है. उनके द्वारा बोले जाने वाले डायलॉग में भी सेंसर बोर्ड ने कुछ बदलाव किये हैं.

– हस्तमैथुन (मैस्टबेशन) को लेकर इस्तेमाल किये गये शब्द ‘हराम’ को ‘पाप’ शब्द से बदल दिया गया है.

– फिल्म में एक नाबालिग लड़के द्वारा किये जा रहे सेक्सुअल एक्ट के दृश्य में भी NCPCR के गाइलाइंड के मुताबिक जरूरी बदलाव किये गये हैं.

– अप्राकृतिक सेक्स से जुड़ी मूर्तियों को दिखाते वक्त एक सेक्स वर्कर से सवाल करने के दृश्यों और डायलॉग्स में भी जरूरी बदलाव किये गये हैं.

– शिव भगवान के दूत द्वारा बोले जाने वाले डायलॉग ‘मैं टांग क्यों अड़ाऊं…’ में भी बदलाव किया गया है.

– फिल्म में भगवान शिव के दूत द्वारा अध्यात्म में लील रहने वाले और नहाने के दृश्यों में भी बदलाव किये गये हैं.

– फिल्म में एक जगह पर शिव के दूत द्वारा एक डायलॉग बोला जाता है -‘बड़े बाल देखकर… रुपये मिलेंगे’. इस डायलॉग को भी सेंसर बोर्ड ने बदल दिया है.

– फिल्म में एक जगह पर डायलॉग है ‘हाई कोर्ट… मजा आएगा’. इस डायलॉग को संवैधानिक बॉडी की गरीमा के खिलाफ़ बताते हुए इस बदलने का निर्देश हाई कोर्ट ने दिया है.

– कोर्ट की ही सुनवाई के दौरान ‘महिला की योनी… हवन कुंड है’, इस डायलॉग के बोले जाने के साथ ही किये जाने वाले अश्लील तरह के इशारे में भी बदलाव किये गये हैं.

– कोर्ट में जज द्वारा सेल्फ़ी लेने के दृश्यों को भी हटा दिया गया है.

– फिल्म के डायलॉग में से ‘सत्यम शिवम् सुंदरम’ जैसे शब्दों को भी हटा दिया गया है.

सेंसर बोर्ड द्वारा ‘ओह माय गॉड 2’ में किये गये तमाम बदलावों को देखते हुए कहा जा सकता है कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म‌ के विषय की गंभीरता और लोगों की धार्मिक भावनाओं के आहत होने का ख्याल रखते हुए किस क़दर फिल्म में बड़े पैमाने पर बदलाव करने के आदेश दिये हैं.

सेंसर बोर्ड द्वारा किये गये बदलावों को लेकर ना तो अक्षय कुमार ने और ना ही ‘ओह माय गॉड 2 के मेकर्स ने किसी तरह का अब तक कोई बयान जारी नहीं किया है. खैर, अगले एक दो दिनों में मेकर्स द्वारा फिल्म के ट्रेलर को रिलीज करने की बात कही जा रही है और इसी के साथ जोर-शोर से फिल्म के प्रमोशन की शुरुआत हो जाएगी ताकि 11 अगस्त को जब फिल्म रिलीज हो, तो दर्शकों को पता हो कि यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.

गौर करने वाली बात है कि ‘ओह माय गॉड 2’ के मेकर्स फिल्म में बिना किसी कट्स और बदलाव के फिल्म को U/A सर्टिफिकेट दिलवाना चाहते थे, जिससे सेंसर बोर्ड ने साफ मना कर दिया था. ऐसे में मेकर्स ने U/A सर्टिफिकेट के चक्कर में फिल्म में और बड़े बदलावों और बड़े कट्स की एवज में सेंसर द्वारा फिल्म में किये गये तमाम बदलावों के साथ दिये गये ‘A’ सर्टिफिकेट को लेने पर हामी भर दी है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here