केजरीवाल शासन में दिल्ली का स्वास्थ्य सिस्टम हो  चुका है चौपट : संजय गौड़

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केजरीवाल शासन में दिल्ली का स्वास्थ्य सिस्टम हो  चुका है चौपट : संजय गौड़
केजरीवाल शासन में दिल्ली का स्वास्थ्य सिस्टम हो  चुका है चौपट : संजय गौड़

केजरीवाल शासन में दिल्ली का स्वास्थ्य सिस्टम हो  चुका है चौपट : संजय गौड़

 

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़  ) : राजधानी दिल्ली का स्वास्थ्य सिस्टम पिछले नौ साल में चौपट हो चुका है जिस सिस्टम को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री औरमुख्यमंत्री वर्ल्ड लेवल का बताते नहीं थकते वह सिस्टम गली मौहल्ले लेवल का भी नहीं है | यह कहना है बाबरपुर ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष संजय गौड़ का | संजय गौड़ कहते हैं केजरीवाल सरकार नें जिन मौहल्ला क्लीनिकों का ढोल पीट रखा है आज आलम यह है की अनेक मौहल्ला क्लिनिक  बंद हो चुके हैं और जो चल भी रहे हैं उनमें घटिया किस्म की दवाएं मिलती हैं और पूरी मात्र में मिलती भी नहीं |

संजय गौड़ कहते हैं दिल्ली के झूठे स्वास्थ्य मॉडल का ढ़ोल पीटकर सच्चाई को दबा नही सकते, क्योंकि दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल की वास्तविकता की पोल कोविड कॉल में जनता के सामने खुल चुकी है। केजरीवाल की दिल्ली और पंजाब सरकारों के बेहतर स्वास्थ्य मॉडल का उदाहरण सबके सामने है कि उनके दो स्वास्थ्य मंत्री भ्रष्टाचार के कारण महीनों जेल में बंद रह चुके है। संजय गौड़ पूछते हैं  क्या अरविन्द केजरीवाल ने 9 वर्षों के शासन में स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती देने के लिए एक भी नया अस्पताल खोला है। उन्होंने कहा केजरीवाल शासन में स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है क्योंकि अस्पतालों में लोगों के इलाज व टेस्ट के लिए मशीने तक नही है। उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि सरकारी अस्पतालों में 17 प्रतिशत ऑपरेशन थियेटर खराब क्यों है |  उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के बेहतर स्वास्थ्य मोहल्ला क्लीनिक को विश्व स्तरीय बताते है, क्यों दिल्ली के मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक मौहल्ला क्लीनिक और सरकारी अस्पतालों में इलाज नही कर कराते हैं?

जबकि हकीकत में मोहल्ला क्लीनिक जनता को  इलाज, दवाई ढंग से उपलब्ध कराने में विफल हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल कांग्रेस की शीला सरकार द्वारा बनाए गए 39 अस्पतालों का रख-रखाव तक नही रख पा रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने 15 वर्षों में 21 नए अस्पताल, 5 स्पेशिलिटी अस्पताल और 5 सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल बनाऐ। केजरीवाल सरकार ने राजधानी में एक भी नया अस्पताल नही बनाया न ही बनाया, उल्टा 120 डिस्पेंसरियां बंद कर दी और अस्पतालों में डाक्टर, मेडिकल व नॉन मेडिकल स्टॉफ की भारी कमी है।

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