“उस समय रोहित कमरे में रोया करते थे, तब युवराज को छोड़कर कोई उनसे मिलने नहीं आया,” वीमेन क्रिकेटर का खुलासा
यह करीब दस साल पहले की बात है, जब रोहित डिप्रेशन से गुजर रहे थे. ऐसे में युवराज उनसे मिलने आए और उन्हें डिनर के लिए लेकर गए।
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) वर्तमान में भारतीय क्रिकेट इतिहास के लीजेंड खिलाड़ियों में शुमार हो चले हैं. भारतीय कप्तान होने के अलावा यह उनकी आतिशी बल्लेबाजी रही है, जिसने उन्हें दुनिया भर में सम्मानित बनाया है. खेल के तीनों फौरमेटों के अलावा रोहित का आईपीएल में बतौर कप्तान और बल्लेबाज रिकॉर्ड शानदार रहा है, लेकिन इसके बावजूद उनके करियर में ऐसा भी समय आया, जब वह डिप्रेशन (अवसाद) में चले गए. इस बात का खुलासा भारतीय महिला टीम की सदस्य जेमिमा रॉड्रिगुएज ने किया है. उन्होंने अपने और रोहित शर्मा के बीच हुई बातचीत को लेकर खुलासा किया.
“ब्रेकफास्ट विद चैंपियन”
जेमिमा ने एक कार्यक्रम “ब्रेकफास्ट विद चैंपियन” में बताया कि यह समय साल 2011 में भारत में खेला गया विश्व कप था, जब उनका चयन भारतीय टीम में नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि मैंने रोहित से सवाल पूछा कि साल 2011 विश्व कप टीम से बाहर रहने के बाद अब अब भारत की कप्तानी कर कर रहे हैं. क्या आपने कभी ऐसा सोचा था? इस पर रोहित ने जवाब दिया कि नहीं, उस समय बड़ी संख्या में लोग मेरे पास और उन्होंने बहुत कुछ मेरे से कहा, लेकिन किसी को नहीं पता है कि उस समय मैं कैसे हालात से गुजर रहा था.
जेमिमा ने कहा कि बातचीत में रोहित ने बतााय कि उस समय केवल युवराज सिंह उनके पाए आए. युवी उन्हें डिनर के लिए लेकर गए. युवराज को छोड़कर कोई भी रोहित से मिलने या सांत्वना देने नहीं आया. रोहित ने कहा कि वह एक महीने तक अवसाद में थे क्योंकि विश्व कप एक ऐसी बात है, जिसको लेकर आप सपना देखते हो. रॉड्रिगुएज ने बताया कि जब रोहित ने उनसे कहा कि वह कमरे में रो रहे थे, तो उनकी आंखों में भी आंसू आ गए.
रोहित के अनुसार मुश्किल समय आएगा, लेकिन इससे आप जानते हैं कि आपको आगे क्या करना है. ऐसे में आप सुनिश्चित करें कि जब आपको अगला मौका मिले, तो आप इसके लिए तैयार रहें. जेमिमा ने कहा कि रोहित ने कहा कि मुझे किसी के सामने खुद को साबित नहीं करना. मैंने तय किया कि मुझे पूरी तरह से खेल का लुतफ उठाने के लिए खेलना है.