अहोई अष्टमी पर भीड़ में दम घुटने से तीन महिलाएं बेहोश, एक की मौत

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मथुरा के राधाकुंड में अहोई अष्टमी पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ के आगे प्रशासन की वनवे व्यवस्था फेल हो गई। भीड़ बैरिकेडिंग लांघ कर गलियों से राधारानी कुंड की ओर जाने लगी। कुंड के बाहर सब्जी मंडी घाट पर डीएम, एसएसपी ने फोर्स के साथ मोर्चा संभाल कर भीड़ को रामलीला मैदान पर रोक नियंत्रण किया। इस दौरान भीड़ में फंसी तीन महिला श्रद्धालु दम घुटने से बेहोश होकर गिर पड़ी। इनमें एक महिला की मौत हो गई। सोमवार की आधी रात संतान प्राप्ति के लिए राधाकुंड में तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। भीड़ के दबाव को देखते हुए आईजी नचिकेता झा, डीएम पुलकित खरे, एसएसपी अभिषेक यादव ने व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। डीएम और एसएसपी पूरी रात व्यवस्था संभालते रहे। भीड़ का दबाव अधिक बढ़ने पर मेलाधिकारी के आदेश पर भीड़ को रामलीला मैदान पर रोक दिया गया।

भीड़ में फंसी लौकी देवी पत्नी रसिक पंडित निवासी जिला हुजई आसाम, रेखा शर्मा  पत्नी योगेंद्र शर्मा निवासी जनता कॉलोनी जयपुर, प्रियंका मुकेश शर्मा निवासी नारायण विहार शास्त्रीपुरम आगरा बेहोश होकर गिर पड़ी। इन्हें परिजन स्वास्थ्य शिविर लेकर पहुंचे। चिकित्सकों ने रेखा शर्मा और प्रियंका को सीएचसी में भर्ती कराया। जबकि लौकी देवी को मंगलवार की सुबह जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में लौकी देवी की मौत हो गई। गोवर्धन के चिकित्सा अधीक्षक वीएस सिसौदिया ने बताया कि लौकी देवी दुलार पंडित के साथ राधाकुंड आई थीं। दुलार उन्हें स्वास्थ्य शिविर लेकर आए थे, जिन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल रेफर किया था, वहां उनकी मौत हुई है। रेखा शर्मा को उनके बेटे हितांशु ने भर्ती कराया था। रेखा और प्रियंका को सीएचसी पर उपचार दिया गया। अब दोनों की हालत खतरे से बाहर है। मौजूद गोवर्धन निवासी पंकज खंडेलवाल ने बताया कि घाट पर रात में साढ़े 11 बजे भी इतनी भीड़ नहीं थी कि दम घुटे। साढ़े चार बजे तो भीड़ न के बराबर थी। चिकित्सक का कहना है कि उपवास रखने के कारण तीनों महिलाओं की तबीयत बिगड़ी। एसएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि रात में भी भीड़ रामलीला मैदान में रोक-रोककर भेजी गई। सुबह साढ़े चार बजे बिल्कुल भीड़ नहीं थी।

 

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