आज रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध की वजह से देश भर में 2000 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुईं। रेलमंत्री ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि 15 जून से 23 जून के बीच 2132 ट्रेनें रद्द की गईं। विपक्ष ने इस योजना का जमकर विरोध किया था। इस दौरान लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किया। ट्रेनें रोककर उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। इन हिंसक आंदोलनों में सिर्फ रेलवे की ही 259.44 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ।
आंदोलन में रेलवे संपत्ति का 259.44 करोड़ का नुकसान हुआ
रेलमंत्री ने आगे बताया ये सब केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को शुरू करने के बाद हुआ। दरअसल केंद्र सरकार अग्निपथ स्कीम से सेना में जवानों की औसत उम्र को कम करना है। ताकि हमारे सैन्यकर्मियों की ऊर्जा में कमी न आने पाए। रेलमंत्री ने बताया कि सार्वजनिक अव्यवस्था की वजह से रेल सेवाओं के बाधित होने के कारण यात्रियों को दी गई वापसी की राशि के बारे में अलग से डेटा नहीं रखा जाता है। रेलमंत्री ने आगे बताया, “14.06.2022 से 30.06.2022 की अवधि के दौरान, ट्रेनों के रद्द होने और अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन में रेलवे संपत्ति का 259.44 करोड़ का नुकसान हुआ। और रेलवे ने इस दौरान ट्रेनों के रद्द होने की वजह से 102.96 करोड़ का रिफंड रेल यात्रियों को वापस किया था। फिलहाल अब अग्निपथ योजना के कारण रद्द की गई सभी प्रभावित ट्रेन सेवाओं को बहाल कर दिया गया है।