वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सख्त कदम उठाया है। आयोग ने वायु प्रदूषण से संबंधित विधियों और दिशानिर्देशों का घोर उल्लंघन करने के लिए एनसीआर में 24 औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। आयोग ने कहा है कि जीआरएपी चरण-1 को लागू करने के बाद से आयोग द्वारा एनसीआर में औद्योगिक क्षेत्रों और निर्माण परियोजनाओं में कुल 472 गुप्त निरीक्षण किया गया। इसमें 52 गंभीर रूप से उल्लंघन करने वाली इकाइयों/परियोजनाओं को बंद करने आदेश जारी किए गए हैं। घोर उल्लंघन करने वाली 24 औद्योगिक इकाइयों को तुरंत बंद करने के आदेश जारी किया गया। इनमें से 5 औद्योगिक इकाइयां अभी भी कोयले और अन्य अनुमोदित प्रदूषणकारी ईंधनों का उपयोग कर रही थीं। अन्य राज्यों पर भी सख्ती : वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राजस्थान में 45 कोयला आधारित औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के निर्देश भी जारी किए हैं। कोयला आधारित 32 इकाइयां स्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। वहीं, आयोग ने हरियाणा में 8 और यूपी में 40 इकाइयों को स्वीकृत ईंधन में परिवर्तित होने तक अपने संचालन को अस्थायी रूप से निलंबित करने का आदेश दिया है। दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। वायु की गुणवत्ता भी 400 से ऊपर है, लोग जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के लिए एक आपातकाली बैठक की। इस दौरान ग्रेप का तीसरा चरण लागू किया गया है। बैठक में बताया गया कि आने वाले समय में दिल्ली एनसीआर का एक्यूआई बहुत खराब से गंभीर श्रेणी यानि 401 और 500 के बीच AQI रहने की संभावना है। CAQM की बैठक में ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदिया लागू कर दी गईं। GRAP के तहत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियों और एनसीआर और डीपीसीसी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस अवधि के दौरान जीआरएपी के तहत कार्रवाई के सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की सलाह दी। दिल्ली या दिल्ली सहित NCR में वायु की गुणवत्ता बहुत खराब या गंभीर श्रेणी में हो तो तीसरा चरण लागू किया जाता है। इसके तहत कई प्रतिबंध लगाए जाते हैं।