यमुनापार यमुनापार एमडब्ल्यूए/आरडब्ल्यूए फाउंडेशन नें मनाई भगवान परशुराम की जयंती : दीपक शर्मा

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दीपक शर्मा
यमुनापार यमुनापार एमडब्ल्यूए/आरडब्ल्यूए फाउंडेशन नें मनाई भगवान परशुराम की जयंती : दीपक शर्मा

यमुनापार यमुनापार एमडब्ल्यूए/आरडब्ल्यूए फाउंडेशन नें मनाई भगवान परशुराम की जयंती : दीपक शर्मा

* श्री गुरु तेग बहादुर का प्रकटोत्सव भी मनाया

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : यमुनापार एमडब्ल्यूए/आरडब्ल्यूए फाउंडेशन द्वारा राम नगर में भगवान परशुराम जन्वमोत्सव तथा श्री गुरूतेग बहादुर के प्रकटोत्सव पर कार्यक्रम का आयोजन किया | इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट,राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रवादी शिवसेना व वरिष्ठ नेता भाजपा जय भगवान गोयल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे | कार्यक्रम में अम्ब्राबाला से पधारे ब्राह्मण महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित वीरेश शांडिल्य ,वरिष्ठ आई. आर.एस.अधिकारी अमित शर्मा तथा वरिष्ठ पत्रकार अश्वनी भारद्वाज नें भी इस अवसर पर भगवान श्री परशुराम की जीवनी पर प्रकाश डाला | कार्यक्रम के आयोजक दीपक शर्मा (संस्था संस्थापक व चेयरमैन) ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया व सभी ने अपने श्रृद्धा सुमन भगवान परशुराम व श्री गुरूतेग बहादुर के चरणों में अर्पित किए।

इस अवसर पर संस्था से जुड़े पूर्व निगम पार्षद अनिल गौतम, देवेन्द्र पाल शर्मा , जय किशन गुप्ता,, अमित पचौरी , आनंद तिवारी अंकित बत्ता डॉ. प्रवीन गर्ग एड्वोकेट रेखा खन्ना, नरेन्द्र शर्मा, महाराज सिंह, जगमोहन शर्मा, मुकेश टांक आदि उपस्थित थे | अन्य प्रमुख लोगो में परमानन्द शर्मा मुकेश पांचाल ,संजीव शर्मा ,दिनेश गुप्ता भी मौजूद रहे | जय भगवान गोयल ने कहा कि हमारा भारत देश ऋषि मुनियों और संतों की पुण्य भूमि है जब-जब भी इस धरा पर कोई अधर्मी, आतंकी, राक्षस प्रवृत्ति के लोग अधर्म व आतंक मचाकर धर्म व सनातन को क्षति पहुंचाने का प्रयास करते हैं तब-तब भगवान की कृपा से कोई न कोई महापुरूष देवी-देवता पृथ्वी पर आकर ऐसी शक्तियों का मुकाबला कर उन्हें मुंहतोड़ जवाब देते हैं।

भगवान परशुराम ने फरसा हाथ में लेकर उस समय के घमंडी, आततायी, अहंकारी राजाओं को परास्त किया था। जो समाज रक्षण का मूलधर्म भूल गए थे। कुछ लोग भगवान परशुराम को ब्राह्मणों का हितेशी व क्षत्रियों का विरोधी मानते हैं। ये परशुराम जी को बेहद संकुचित आधार पर देखने की दृष्टि है। हम महापुरूषों को उनकी जाति नहीं, उनके कर्मों के आधार पर देखते हैं। पंडित वीरेश शांडिल्य नें परशुराम जी व श्री गुरूतेग बहादुर ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए ही शस्त्र उठाया और बलिदान दिया। आज के परिप्रेक्ष्य में भी ये जरूरी देखा गया है सनातन धर्म की रक्षा लिए हर सनातनी शास्त्र और शस्त्र दोनों को लेकर अगर आगे चलेगा तभी हम राष्ट्र विरोधी सनातन विरोधी, हिन्दू विरोधी शक्तियों से देश व धर्म की रक्षा कर सकेंगे। अमित शर्मा तथा अश्वनी भारद्वाज नें विस्तार से परशुराम जी के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा आज के हालातों में हर किसी को परशुराम बनने की जरूरत है ताकि समाज में फ़ैल रहे आतंक को खत्म किया जा सके ,दुष्टों को दंड दिया जा सके |

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