दिल्ली में चेहरा कोई भी हो चाबी होगी अरविन्द के हाथ में
* गोपाल राय रेस में सबसे आगे
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली , जेल से लौटने तथा सूबे के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का एलान कर अरविन्द आज लगातार चौथे दिन भी ना केवल राजधानी दिल्ली अपितु देश भर के मीडिया की सुर्खियां बटोरने में कामयाब रहे | तमाम अख़बारों ने उन्हें पहले पन्ने पर प्रमुखता से जगह दी ,देश के सभी न्यूज़ चैनलों में वे दिन भर छाए रहे | इसे ही तो कहते हैं केजरीवाल नीति, आज दिनभर उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ,मंत्रियों तथा अपने खास शुभचिंतकों से सलाह मशविरे का दौर चलाया | शाम को राजनितिक मामलों की समिति की बैठक में भी यह सिलसिला चला |
उन्होंने तकरीबन पचास लोगों से एक-एक कर बात की ,सबकी सुनी कुछ को अपनी भी सुनाई | फैंसला लगभग हो गया कौन बनेगा मुख्यमंत्री एलान भले ही कल या परसों हो लेकिन केजरीवाल नें यह संदेश दे दिया है वे तानाशाह नहीं है और आम आदमी पार्टी सभी से राय ले निर्णय लेती है | इतना तो लगभग तय है विधायकों में से ही मुख्यमंत्री बनेगा ,हालांकि गोपाल राय सहित कई सदस्यों नें सुनीता केजरीवाल के पक्ष में ही मजबूती से राय दी है | लेकिन चुनाव के एन मौके पर अरविन्द परिवार वाद का आरोप शायद ही लगवाने के लिए राजी हो |
लिहाजा माना जा रहा है चल रहे चार मंत्रियों गोपाल राय ,आतिशी,कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज के साथ-साथ दलित चेहरे के रूप में विधायक कुलदीप कुमार और ब्राह्मण चेहरे के रूप में दलीप पांडे के नामों पर भी चर्चा हुई | मिली जानकारी के मुताबिक गोपाल राय रेस में सबसे आगे है ,सन्गठन के लिए समर्पण उनके नम्बर बढ़ा रहा है | आतिशी के पक्ष में महिला होने के साथ-साथ तजुर्बा है तो कैलाश गहलोत का नाम हरियाणा चुनावों के चलते चर्चा में है वहीं कुलदीप कुमार दलित चेहर के रूप में बड़ा नाम है वैसे राखी बिडला भी इसी खाते में नाम चलवा रही है | सी.एम.कोई भी बने लेकिन चाबी अरविन्द के पास ही रहेगी ये सब जानते हैं | सी.एम.बदलने के बाद मंत्री तथा उनके विभाग भी बदले जाएंगे इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता | आज बस इतना ही