मणिपुर में फिर हिंसा, 24 घंटे में महिला समेत दो की हत्या, पुलिस ने 9 लोगों को किया गिरफ्तार
मणिपुर में 24 घंटे में दो हत्याओं ने एक बार फिर राज्य में तनाव वाली स्थिति पैदा कर दी है. आदिवासी संगठनों ने हत्या के विरोध में बंद का आह्वान किया है.
पिछले कुछ दिनों से शांत चल रहे मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है. पूर्वी इम्फाल के साओमबंग इलाके में एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई और उसका चेहरा भी बिगाड़ दिया. पुलिस ने घटना के संबंध में 5 महिलाओं समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है. महिला मरिंग नगा समुदाय की बताई जा रही है. इसके अलावा एक अन्य घटना में युवक की हत्या कर दी गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, पहली घटना 15 जुलाई की है. महिला को उसके घर के अंदर सिर में गोली मारी गई थी. यही नहीं भागने के पहले हत्यारों ने महिला का चेहरा भी बिगाड़ दिया. महिला की पहचान लूसी मरिम के रूप में हुई है. मणिपुर पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है.
पुलिस ने 9 को किया गिरफ्तार
मणिपुर पुलिस के ट्विटर हैंडल पर बताया गया है कि महिला की हत्या के संबंध में 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 5 महिलाएं हैं. पुलिस ने आगे बताया, इसे से जुड़े मामले में 2 हथियार, 5 गोलियां और एक कार सीज की गई है.
बताया जा रहा है कि महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ थी. इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने एक बयान में कहा है कि लूसी एक दुर्लभ मानसिक बीमारी स्क्रिजोफ्रेनिया से पीड़ित थी. हत्या की निंदा करते हुए बयान में कहा गया है कि ये दिखाता है कि राज्य सरकार की मणिपुर की राजधानी तक में कानून व्यवस्था पर कोई कंट्रोल नहीं है.
12 घंटे के बंद का आह्वान
लूसी की हत्या के विरोध में यूनाइटेड नगा काउंसिल ने मणिपुर में नगा आबादी वाले इलाके में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है. कम्युनिटी ऑल ट्राइबल यूनिटी ने इंफाल की लाइफलाइन माने जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को 72 घंटे के लिए बंद करने का ऐलान किया है.
इस तरह से हत्या किए जाने का ये हाल के दिनों में दूसरा मामला है. इसके पहले 6 जुलाई को डॉनगाईचिंग में भी एक मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला की इसी तरह से हत्या कर दी गई थी.
रविवार को एक युवक की हत्या
एक अन्य घटना में रविवार (16 जुलाई) को 40-50 हथियार बदमाशों ने पहाड़ी जिले कांगपोकपी के कुकी गांव में हमला बोल दिया और जंगखोलिन हाओकिप नाम के शख्स की हत्या कर दी गई. सूचना पर सेना की टुकड़ी वहां पहुंची और बाहर निकलने के रास्ते को ब्लॉक कर दिया. इस दौरान सुरक्षा बलों को ग्रामीणों की भीड़ के विरोध का सामना करना पड़ा, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं. इस दौरान बदमाश भागने में कामयाब रहे.