सुबह दशाश्वमेध घाट के सामने 34 लोगों से भरी नाव गंगा में पलट गई। नाव में केरल से वाराणसी आए श्रद्धालु मौजूद थे। हादसे के बाद नाविक भाग गया । दशाश्वमेध थाने की पुलिस उसकी तलाश कर रही है। जानकारी के मुताबिक केरल से आए 34 लोग केदार घाट से नाव में सवार हुए थे। सभी लोगों को मणिकर्णिका घाट पर जाकर धार्मिक अनुष्ठान करना था। इलाके में मौजूद स्थानीय नाविकों के साथ पुलिस और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरू किया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नाव ओवरलोड थी और अचानक उसमें पानी भरने लगा। नाव चालक नाव और सभी यात्रियों को छोड़कर अपनी जान बचाने के लिए नदी में कूद गया। यात्रियों के चिल्लाने पर मौके पर मौजूद नाविक वहां पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि विमान में सवार सभी 34 यात्रियों को बचा लिया गया। एसीपी अवधेश कुमार पांडे ने मीडिया को बताया, “किसी के हताहत होने या बड़ी चोट लगने की सूचना नहीं है और सभी यात्रियों को समय पर बचा लिया गया है। यात्रियों में से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लोगों का मानना है कि बाबा विश्वनाथ और मां गंगा की कृपा के साथ ही स्थानीय लोगों के सहयोग से कोई नुकसान नहीं हुआ है। एक महिला श्रद्धालु पी विजया और पुरुष श्रद्धालु पी आदिनारायण हादसे से बुरी तरह डर गए थे। दोनों लोगों को कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में ले जाया गया है| बाकि सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं। नाव हादसे की सूचना समय पर पुलिस को दी गई। सूचना पाते ही फोर्स के साथ घटनास्थल पर दशाश्वमेध थाना प्रभारी अजय मिश्रा पहुंचे। उन्होंने केरल से आए लोगों से बातचीत की। उनका हालचाल पूछा। उन्होंने बताया की जानकारी के अनुसार नाव केदार घाट के रहने वाले अमित साहनी की है। उसकी तलाश की जा रही है। नाविक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कठोर करवाई की जाएगी। पुलिस के अनुसार नाव पुरानी थी। उसका नीचे का पटरा फट गया था या टूट गया था। उसी वजह से नाव में पानी भर गया तो वह असंतुलित होकर पलट गई।
वाराणसी में 34 यात्री सवार नाव गंगा जी में पलटी, दो की हालत गंभीर
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