लवली के हजारों लवली पहुंचे यमुना तट पर माता दिवेंद्र कौर के अंतिम संस्कार में, तीनों दलों के बड़े नेताओं का संगम देखने को मिला

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लवली के हजारों लवली पहुंचे यमुना तट पर माता दिवेंद्र कौर के अंतिम संस्कार में, तीनों दलों के बड़े नेताओं का संगम देखने को मिला

लवली के हजारों लवली पहुंचे यमुना तट पर माता दिवेंद्र कौर के अंतिम संस्कार में तीनों दलों के बड़े नेताओं का संगम देखने को मिला

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : दिल्ली की सियासत में जमीन से जुड़े नेताओं की संख्या गिनती की है उनमें से एक बड़ा नाम दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री अरविन्द्र सिंह लवली का है | कांग्रेस में रहे तो भी जमीन से जुड़े थे और आज भाजपा में हैं तो भी जमीन से उनका वैसा ही नाता है जितना पहले था |

स्व.एच.के.एल.भगत तथा स्व.शीला दीक्षित की पाठशाला से निकले लवली आज अपनी यूनिवर्सिटी बना चुके हैं | समझ गए ना आप गुरु तो गुरु ही रह गए और चेले शक्कर बन गए | हालांकि आज यह विषय ज्यादा बताने का नहीं है लेकिन बिना बुनियाद के कोई भी विषय अधूरा ही रहता है | सोमवार को लवली की माता जी दिवेंद्र कौर का 83 साल की आयु में बीमारी के चलते निधन हो गया था |

यह खबर सुनते ही उनके घर कार्यकर्ताओं से ले बड़े नेताओं का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया | प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा से ले दिल्ली सरकार के कई मंत्री ,विधायक उनके आज़ाद नगर वाले घर पर पहुंचने लगे | मंगलवार की सुबह गीता कालोनी श्मशान घाट पर दिवेंद्र कौर का अंतिम संस्कार किया गया | आज़ाद नगर से गीता कालोनी तक भयंकर जाम लग गया | इतना ही नहीं श्मशान घाट के सामने दोनों तरफ के रोड पूरी तरह से जाम हो गए थे | हालांकि पुलिस के पुख्ता इंजम थे ,खुद क्षेत्रीय डी.सी.पी.मौके पर मौजूद थे |

जहां तक श्मशान घाट के भीतर का सवाल है खचाखच भरा था भीड़ का आलम यह था कि प्रवेश द्वार से लेकर भीतर तक तिल रखने की जगह भी नहीं बची थी | आम जनमानस से लेकर दिल्ली की तीनों प्रमुख सियासी पार्टियों के नेताओं का विशाल जमघट यह ईशारा कर रहा था लवली सबके कितने ज्यादा लवली है | जनता उन्हें कितना स्नेह करती है | हालांकि लवली वर्तमान में केवल एक विधायक ही हैं बावजूद इसके इतना बड़ा जनाधार यह ईशारा जरुर कर रहा था तमाम पद उनके कद से बौने है | हमने दिल्ली के कई कद्दावर नेताओं के ख़ुशी तथा गम की गैदरिंग देखी है लेकिन यह गैदरिंग कुछ अलग दिखी जिसमें आम जनमानस की भागेदारी ज्यादा थी |

शीला दीक्षित के निधन के बाद भी नजारा कुछ ऐसा ही था लेकिन शीला दीक्षित डेढ़ दशक तक दिल्ली की मुखिया रही थी | दिवेंद्र कौर के अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता,विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ,दिल्ली के सभी सांसद ,सभी मंत्री ,भाजपा के ज्यादतर विधायक,पूर्व विधायक ,प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा,पार्टी के तकरीबन सभी निगम पार्षद,पूर्व पार्षद,पूर्व महापौर,प्रदेश तथा जिला स्तर के ज्यादातर पदाधिकारी तो थे ही | जम्मू काश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद तो लवली के घर से लेकर यमुना तट तक साथ रहे |

लवली की पुरानी पार्टी कांग्रेस के कई साथी ,कई पूर्व मंत्री,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ,पूर्व विधायक तथा कई जिलाध्यक्ष श्री लवली के साथ दुःख की घड़ी में खड़े दिखे | इसीतरह आम आदमी पार्टी के कई विधायक तथा पदाधिकारी भी वहां मौजूद थे | यह तो रही जननेताओं की बात बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी ,दिल्ली सरकार के आला अधिकारी,पुलिस के कई बड़े अधिकारी,न्यायपालिका से जुड़े कई लोग भी वहां देखे गए | कुल मिलाकर यह मानना पड़ेगा दिल्ली की जमीनी सियासत से लवली का जमीनी रिश्ता है |

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