भाजपा जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का मामला पहुंचा पार्टी हाईकमान के पास सांसदों और विधायकों में नियुक्ति को ले तनातनी

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भाजपा जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का मामला पहुंचा पार्टी हाईकमान के पास सांसदों और विधायकों में नियुक्ति को ले तनातनी
भाजपा जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का मामला पहुंचा पार्टी हाईकमान के पास सांसदों और विधायकों में नियुक्ति को ले तनातनी

भाजपा जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का मामला पहुंचा पार्टी हाईकमान के पास सांसदों और विधायकों में नियुक्ति को ले तनातनी

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,लंबी जद्दोजहद के बाद भी दिल्ली भाजपा राजधानी दिल्ली में अपने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को घोषणा नहीं कर सकी है | विपक्षी गठ्बन्धन की खबरों के बीच भाजपा लोकसभा चुनावों में मजबूती के साथ उतरना चाहती है | लिहाजा छोटी सी चूक भी भाजपा को भारी पड़ सकती है इसलिए पार्टी कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है | दरअसल पार्टी के दिल्ली में सात सांसद और आठ विधायक है पार्टी इनकी राय को भी तवज्जो देना चाहती है तो पार्टी सन्गठन लम्बे समय से जो लोग सडक पर रहकर प्रदेश नेत्रत्व का साथ दे रहे हैं उन्हें भी नहीं छोड़ना चाहता | लेकिन दिक्कत यह आ रही है कई स्थानों पर विधायको और सांसद की राय अलग-अलग है तो कुछ जगह प्रदेश नेत्रत्व की राय अलग है |

लिहाजा सत्ता के तीन दरवाजे खुले हैं और तीनों में तालमेल का घोर अभाव है | ऐसे में मामला पार्टी के राष्ट्रीय नेत्रत्व तक पहुंच गया है | सूत्र बताते हैं जिला अध्यक्षों की सूची तो तैयार चार पांच दिन पहले ही हो चुकी है लेकिन यमुनापार के दोनों सांसदों के साथ-साथ दो और सांसदों नें पार्टी से गुहार लगाई है लोकसभा चुनावों के मद्देनजर जिला अध्यक्ष नियुक्ति के मामले में उनकी राय को तवज्जो दी जाए वहीं आठ विधायकों में से छह विधायक यमुनापार से ही है और उनमे से तीन लोकसभा का चुनाव भी लड़ना चाहते है | और प्रदेश के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा भी पूर्वी दिल्ली में ही रहते हैं और वे भी लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं लिहाजा तीनों विधायक,दोनों सांसद और प्रदेश अध्यक्ष अपने-अपने जिलों की कमान अपने पंसदीदा व्यक्ति को ही दिलाना चाहते है | यहाँ दिक्कत यही आ रही है किन्ही दो की राय आपस में नहीं मिलती | अब यह मामला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक होते हुए राष्ट्रीय सन्गठन महामंत्री के पास पहुंच
गया है |

सूत्र बताते हैं राष्ट्रीय सन्गठन महामंत्री बी.एल.संतोष सभी पक्षों की राय जानने के बाद जल्द ही इस बाबत निर्णय लेंगे | श्री संतोषनें इस विषय मैं बैठक भी बुलाई है | सूत्र बताते हैं चांदनी चौक , पूर्वीबी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली को छोड़ कर ज्यादातर जिलों के निर्णय हो चुके हैं केवल शाहदरा,नवीन शाहदरा और उत्तर पूर्वी दिल्ली में रस्साकस्सी जारी है | शाहदरा जिले और उत्तर पूर्वी जिले में ज्यादा खींचतान हैं शाहदरा जिले में लता गुप्ता दीपक गाबा और सुशील उपाध्याय के बीच फैंसला होना है | राजीव गुगलानी,हरिओम गुप्ता,रजत रस्तोगी,विवेक काबरा सहित और भी कई दावेदार हैं | रजत रस्तोगी विधायक ओ.पी .शर्मा की पसंद का नाम है | मयूर विहार जिला प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा का होम डिस्ट्रिक है लिहाजा वे अपनी पसंद का अध्यक्ष बनाने में कामयाब रहेगें इसमें कोई दिस दैट नहीं है विजेंद्र धामा को उनकी पसंद बताया जा रहा है | नवीन शाहदरा जिले से सांसद मनोज तिवारी नें मनोज त्यागी तो उत्तर पूर्वी जिले से डॉ.यू.के.चौधरी के नाम पर वीटो किया हुआ है | लेकिन विधायक अजय महावर उत्तर पूर्वी जिले से दिनेश धामा को चाहते हैं तो जितेन्द्र महाजन नवीन शाहदरा से मुकेश अरोड़ा के पक्ष में बताये जाते हैं |

उत्तर पूर्वी जिले से महक सिंह भी एक दमदार नाम है जिनकी पैरवी विजेंद्र गुप्ता और विजय गोयल जैसे धुरंधर कर रहे हैं | ऐसी भी चर्चा है सांसद और विधायक को गच्चा देते हुए वे बाजी मार ले जाएं | नवीन शाहदरा से प्रवेश शर्मा,प्रवेश दिवाकर,कुसुम तोमर,रविन्द्र चौधरी ,संजय कौशिक सहित और भी कई दावेदार हैं | इसी तरह से उत्तर पूर्वी जिले से हरीश शर्मा ,प्रमोद गुप्ता रा नरेश पारासर सहित कई नाम दौड़ में है | उम्मीद जताई जा रही है पार्टी नेत्रत्व सभी पक्षों की राय जान जल्द ही इस बाबत निर्णय लेगा | और ऐसा फार्मूला तलाशा जाएगा जिससे सभी पक्षों को कुछ ना कुछ दिया जा सके |

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