विभागों में तालमेल के अभाव के चलते शहर जूझता है जलभराव से : देवेन्द्र कुमार

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विभागों में तालमेल के अभाव के चलते शहर जूझता है जलभराव से : देवेन्द्र कुमार
विभागों में तालमेल के अभाव के चलते शहर जूझता है जलभराव से : देवेन्द्र कुमार

विभागों में तालमेल के अभाव के चलते शहर जूझता है जलभराव से : देवेन्द्र कुमार

* एक दूसरे पर डालते हैं जिम्मेदारी

– शिवा कौशिक –

नई दिल्ली ,विभिन्न विभागों की अपने काम को टालने की एवं अपनी जिम्मेदारी को अन्य विभाग पर थोपने की वजह से ही दिल्ली में बनती है जलभराव की समस्या, जी हां ऐसा कहना है मयूर विहार फेस 2 वार्ड के निगम पार्षद देवेंद्र कुमार का। देवेंद्र कुमार ने बताया कि एनएच 24/एनएच 9 के नीचे एवं इसके पास चार भूमिगत ड्रेन है, एक तो पटपड़गंज मदर डेयरी वाला है जो कि अक्षरधाम से पहले पड़ता है, दूसरा है ईस्ट विनोद नगर का डीटीसी डिपो वाला, तीसरा है खिचड़ीपुर गांव गुरुद्वारे वाला और चौथा है गाजीपुर बॉर्डर पर जो कोंडली और आनंद विहार की तरफ जाता है, इन चारों के चारों ड्रेनों की साफ सफाई बिल्कुल भी नहीं होती, यह चारों ड्रेन पूरी तरह से गंदगी से भरे हुए है और चाहे कोई सा भी विभाग हो एनएच हो, पीडब्लूडी हो, एमसीडी हो या अन्य और कोई हो, यह सभी विभाग वाले इन चारों ड्रेनों की साफ सफाई से खुद का पल्ला झाड़ के अन्य किसी विभाग को इन चारों ड्रेनों की साफ सफाई का जिम्मेदार बना देते है।

देवेंद्र कुमार ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री को पत्र लिखने से पहले मैंने एनएच को, पीडब्ल्यूडी को और एमसीडी तीनों विभागों को पत्र लिखकर यह आग्रह किया था कि बारिश का मौसम आने से पहले इन चारों ड्रेनों की साफ सफाई का कार्य करवाया जाए अन्यथा साफ सफाई न होने की वजह से बारिश में यह चारों ड्रेन ओवरफ्लो हो जायेंगे जिसका नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ेगा लेकिन एमसीडी को पत्र लिखो तो वह कहते है कि यह काम पीडब्ल्यूडी का है, एनएच को पत्र लिखो तो वह भी पीडब्ल्यूडी को आगे भेज देता है और पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखो तो वह कहते है कि हमने ड्रेन की साफ सफाई तो कर दी है लेकिन जलभराव की समस्या का हमारे पास कोई हल नहीं है, अरे भाई अगर ड्रेन की साफ सफाई कर दी है तो वह दिख क्यों नहीं रही? साफ सफाई के बावजूद ड्रेन भरा हुआ कैसे है? आपने ड्रेन की साफ सफाई कर दी तो फिर वह ओवरफ्लो क्यों हुआ? और अगर जलभराव की समस्या का आपके पास कोई हल नहीं है तो फिर आप सरकारी पद पर बैठे किस लिए हुए है? छोड़ दीजिए सरकारी पद और कह दीजिए सरकार से की दिल्ली में जलभराव की समस्या का हमारे पास कोई हल नहीं है और न ही जलभराव की समस्या का कोई हल निकालने का हम प्रयास कर रहे है इसलिए इस पद की कोई जरूरत नहीं है।

देवेंद्र कुमार ने आगे कहा कि एलजी से फटकार पड़ती है तो यह विभाग काम करते है नहीं तो अपनी जिम्मेदारी दूसरे पर डालते रहते है और अगर जनता इन
विभागों से कार्य करने को बोले तो गेंद दूसरे विभाग के पाले में डालकर आम जनता को बेवकूफ बनाते रहते है।

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