रूसी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की तारीफ की, कहा- मोदी सच्चे देशभक्त, भविष्य भारत का है

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लम्बे समय के बाद कैमरे के सामने आये रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने पीएम मोदी को सच्चा देशभक्त बताया। पुतिन ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत ने विकास में जबरदस्त सफलता हासिल की है। पुतिन ने ये सारी बातें मॉस्को में वाल्डाई डिस्कशन क्लब की 19वीं एनुअल मीटिंग में कही। उन्होंने कहा कि भारत का फ्यूचर ग्रेट है। मेक इन इंडिया का उनका विचार इकोनॉमिक्स और एथिक्स दोनों में मायने रखता है। पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले वर्षों में बहुत कुछ किया गया है। स्वाभाविक रूप से वह एक देशभक्त हैं। मेक इन इंडिया के लिए उनका विचार आर्थिक और नैतिक दोनों रूप से मायने रखता है। भविष्य भारत का है। इसे सबसे बड़ा लोकतंत्र होने पर गर्व हो सकता है और हमारे बीच एक विशेष रिश्ता है। हमारे बीच घनिष्ठ संबंध हैं।’ पुतिन ने रक्षा साझेदारी और बढ़ते व्यापारिक संबंधों का भी जिक्र किया। पुतिन ने कहा, ‘हमारे बीच व्यापार में बहुत वृद्धि हुई है। पीएम मोदी ने मुझसे भारत के लिए उर्वरकों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कहा और इसमें 7.6 गुना की वृद्धि हुई है। कृषि से जुड़ा व्यापार लगभग दोगुना हो गया है।’ पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बहुत कुछ किया गया है। वह देशभक्त हैं। ‘मेक इन इंडिया’ का उनका विचार आर्थिक और नैतिकता दोनों में मायने रखता है। भविष्य भारत का है, इस पर गर्व हो सकता है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत ने ब्रिटेन के उपनिवेश से आधुनिक राज्य बनने के बीच जबरदस्त प्रगति की है। इसने ऐसे विकास किए हैं जो भारत के लिए सम्मान और प्रशंसा का कारण बनते हैं।

अमेरिका पर साधा निशाना

उन्‍होंने कहा कि हम संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ रणनीतिक स्थिरता पर बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं। उस पर अमेरिका की ओर से हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। पुतिन ने कहा कि हम चीन को करीबी दोस्त मानते हैं। चीन के साथ संबंध अभूतपूर्व रूप से खुले और प्रभावी हैं। रूस का चीन के साथ व्यापार लगातार बढ़ रहा है। रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने डालर को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर अंतरराष्ट्रीय वित्त को बदनाम किया। सैन्य अभियानों की शुरुआत के बाद से यूक्रेन में नवीनतम डेवलपमेंप के कारण विश्व व्यवस्था में ढांचागत बदलाव हुआ हैं। उन्‍होंने कहा कि पश्चिम को अपनी स्थिति बदलने के लिए यूक्रेन को संकेत देना चाहिए और शांतिपूर्ण तरीके से समस्या का समाधान करना चाहिए। लेकिन कीव ने बातचीत जारी न रखने का फैसला किया है।

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