प्रियंका ने किया सोनिया गांधी के Poor Lady वाले बयान का बचाव, राष्ट्रपति भवन ने कहा- ‘गरिमा को पहुंची ठेस’

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सोनिया गांधी
प्रियंका ने किया सोनिया गांधी के Poor Lady वाले बयान का बचाव, राष्ट्रपति भवन ने कहा- 'गरिमा को पहुंची ठेस'

Priyanka Gandhi targeted BJP: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद सोनिया गांधी द्वारा की गई एक टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हमले पर पलटवार करते हुए शुक्रवार को कहा कि उनकी मां राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करती हैं तथा उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है.

कांग्रेस महासचिव एवं केरल की वायनाड सीट से सांसद प्रियंका ने यह भी कहा कि सोनिया गांधी की टिप्पणी को लेकर माफी की मांग करने वाली भाजपा को पहले ‘देश को डुबोने’ के लिए माफी मांगनी चाहिए.

सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति को लेकर कही थी ये बात

संसद परिसर में पत्रकारों के सवाल पूछने पर सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति को Poor Lady (बेचारी महिला) कह दिया था. उन्होंने आगे कहा था कि वह अपने संबोधन के आखिर तक थक गई थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं.  भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोनिया गांधी की टिप्प्णी की निंदा की और मांग की कि वह राष्ट्रपति और भारत के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगें.

तोड़-मरोड़कर पेश किया बयान’

प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में कहा, ‘‘मेरी मां 78 साल की एक बुजुर्ग महिला हैं. उन्होंने सिर्फ यह कहा कि राष्ट्रपति इतना लंबा भाषण पढ़कर थक गई होंगी. वह महिलाओं का बहुत सम्मान करती हैं. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीडिया ने इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया.

सोनिया की टिप्पणी पर भाजपा की ओर से माफी की मांग किये जाने के बारे में  पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘उन्होंने (भाजपा) देश को डुबोया है, पहले उसके लिए माफी मांगें.’’

राष्ट्रपति भवन ने जारी किया बयान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर सोनिया गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रपति भवन ने अपने जारी बयान में कहा, कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं की टिप्पणियों से इस शीर्ष पद की गरिमा को ठेस पहुंची है. किसी भी मामले में ऐसी टिप्पणियां दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह से टालने योग्य हैं.”

‘राष्ट्रपति किसी भी समय थकी हुई नहीं थीं’

राष्ट्रपति भवन ने आगे अपने बयान में कहा, “राष्ट्रपति किसी भी समय थकी हुई नहीं थीं. उनका मानना ​​है कि हाशिए पर पड़े समुदायों, महिलाओं और किसानों के लिए बोलना,कभी भी थकाऊ नहीं हो सकता. वह यही अपने भाषण के दौरान कर रही थीं. ऐसा हो सकता है कि इन नेताओं ने हिंदी जैसी भारतीय भाषाओं के मुहावरे और प्रवचन से खुद को परिचित नहीं किया है और इस तरह गलत धारणा बनाई है.”

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