महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का राजकीय अंतिम संस्कार 17-19 सितंबर 2022 को होने जा रहा है। वहीं भारत की तरफ से शामिल होने और भारत सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लंदन जाएंगी।इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को दी। बता दें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 8 सितंबर को निधन हो गया था और भारत ने रविवार को राष्ट्रीय शोक भी व्यक्त किया था। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। इसी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 12 सितंबर को यहां ब्रिटिश उच्चायोग का दौरा किया और भारत की ओर से संवेदना व्यक्त की। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 3 बार भारत की यात्रा की। पहली बार दिल्ली के रामलीला मैदान में 1961 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का भव्य स्वागत किया गया था। यहां उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मौजूदगी में बड़ी सभा को संबोधित किया था। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक परिसर का औपचारिक उद्घाटन भी किया था। वे 1983 और 1997 में भी भारत आई थीं। अंतिम संस्कार से पहले महारानी का शरीर चार दिनों के लिए वेस्टमिंस्टर हॉल में रखा जाएगा, ताकि लोग उनके अंतिम दर्शन करके उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार शाम को स्कॉटलैंड से लंदन पहुंचा। उनके ताबूत को अंतिम रात बकिंघम पैलेस में रखा जाएगा। महारानी के ताबूत को बुधवार से चार दिन के लिए वेस्टमिंस्टर हॉल में रखा जाएगा और सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। महारानी का गत गुरुवार को 96 साल की उम्र में बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया था। वह 70 साल से ब्रिटेन में शासन कर रही थीं। महारानी का ताबूत जब लंदन के लिए एडिनबरा हवाई अड्डे से भेजा गया, तब वहां पर राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। महारानी के ताबूत के साथ उनकी बेटी प्रिसेंस एनी भी थीं, जो रॉयल एयरफोर्स (आरएएफ)के विमान से एडिनबरा से लंदन साथ आई हैं। महारानी के ताबूत को जिस विमान से लाया गया है उसका इस्तेमाल पूर्व में मानवीय सहायता में किया जाता रहा है।