प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाहजहांपुर के रोजा रेलवे ग्राउंड में शनिवार को गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करेंगे। वह लगभग सवा घंटे शाहजहांपुर में मौजूद रहेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री लगभग एक लाख लोगों की जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रशासन की ओर से सभी तैयारी मुकम्मल कर ली गई हैं। प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेश के कई कैबिनेट मंत्री सभास्थल पर मौजूद रहेंगे। इस दौरान लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात परिवर्तित किया जाएगा। सीतापुर और बरेली की ओर से आने वाले वाहनों को दूसरे रास्तों से निकाला जाएगा। नेशनल हाईवे पर सिर्फ रैली में शामिल होने वाले वाहन ही चलेंगे।
कहा जा रहा है कि 12 जिलों को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेस-वे आसान ट्रांसपोर्टेशन के साथ ही रोजगार सृजन का माध्यम बनेगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक कलस्टर बनाए जाने के साथ ही शाहजहांपुर में प्रस्तावित हवाई पट्टी सेना के लिए सहायक साबित होगी। यह एक्सप्रेस-वे शाहजहांपुर के विकास की रफ्तार तेज करेगा। 594 किलोमीटर लंबा यह सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा। यह मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज में जूड़ापुर दांदू में नेशनल हाईवे-19 में मिलेगा। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद लखनऊ से मेरठ की दूरी महज पांच घंटे की रह जाएगी। गंगा एक्सप्रेस पर वाहनों की गति करीब 120 किमी प्रति घंटा होगी।
गंगा नदी पर लगभग 960 मीटर और रामगंगा नदी पर लगभग 720 मीटर लंबाई के दीर्घ पुल बनेंगे। परियोजना की कुल लागत 36, 230 करोड़ रुपये आंकी गई है। एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों से जमीन का अधिग्रहण लगभग 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है। जलालाबाद के गांव बढोडार, चमरपुर कलां, पीरू सहित पांच गांवों में 960 मीटर की हवाई पट्टी बनाई जाएगी। इससे नेपाल और चीन तक एयरफोर्स की पहुंच आसान रहेगी। एयरफोर्स के लिए बरेली के बाद शाहजहांपुर नया बेस साबित होगा।
डिजाइन में एक्सप्रेसवे के किनारे दी जाने वाली सुविधाओं को भी दिखाया गया है। इसमें कार, बस के लिए पार्किंग, पेट्रोल पंप, इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, सर्विस स्टेशन, फूड आउटलेट, ढाबा, पानी पीने के बूथ, शौचालय ब्लॉक को शामिल किया गया। इस सुविधाओं को देने के लिए 250 मीटर लंबा और 200 मीटर चौड़ा स्थान लिया जाएगा।
एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर बनेंगे। एक्सप्रेसवे के नजदीक उद्योग लगेंगे। इससे 25 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। हाईवे किनारे शिक्षण संस्थाएं, कृषि आधारित उद्योग लगेंगे। कोल्ड स्टोरेज, हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, मंडी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों आदि की स्थापना में सहायक होगा।