प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राजधानी दिल्ली के कालकाजी इलाके में स्लमवासियों के पुनर्वास के लिए नवनिर्मित 3,024 ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का उद्घाटन किया। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में भूमिहीन कैंप के पात्र लाभार्थियों को प्रधानमंत्री ने फ्लैट की चाबियां सौंपी।सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री की दृष्टि के अनुरूप दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा 376 झुग्गी झोपड़ी क् लस् टरों में यथास्थान झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है। इस पुनर्वास परियोजना का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ी क् लस् टरों में रहने वालों को उचित सुख-साधनों एवं सुविधाओं से लैस बेहतर और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली के गरीब परिवारों को पक्का घर देने का ये जो अभियान शुरू हुआ है। सिर्फ कालकाजी एक्सटेंशन के पहले फेज में ही 3 हजार से ज्यादा घर तैयार कर लिए गए हैं। बहुत जल्द यहां रह रहे बाकी परिवारों को भी नए घर में गृह प्रवेश का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के सैकड़ों परिवारों के लिए, हजारों गरीब हमारे भाई-बहनों के लिए, ये बहुत बड़ा दिन है। वर्षों से जो परिवार दिल्ली की झुग्गियों में रह रहे थे, आज उनके लिए, एक प्रकार से उनके जीवन की नई शुरुआत होने जा रही है। आज देश में जो सरकार है, वो गरीब की सरकार है। इसलिए वो गरीब को अपने हाल पर नहीं छोड़ सकती। आज देश की नीतियों के केंद्र में गरीब हैं। आज देश के निर्णयों के केंद्र में गरीब हैं। विशेषकर शहर में रहने वाले गरीब भाई-बहनों पर भी हमारी सरकार उतना ही ध्यान दे रही है।
डीडीए ने कालकाजी एक्सटेंशन, जेलरवाला बाग और कठपुतली कॉलोनी में ऐसी तीन परियोजनाएं शुरू की हैं। कालकाजी एक्सटेंशन परियोजना के अंतर्गत कालकाजी स्थित भूमिहीन कैंप, नवजीवन कैंप और जवाहर कैंप नामक तीन झुग् गी-झोपड़ी क् लस् टरों का यथास्थान पुनर्वास चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। परियोजना के पहले चरण के तहत 3,024 फ्लैट निर्मित किए गए हैं। भूमिहीन कैंप के पात्र परिवारों को नवनिर्मित ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में पुनर्वासित करके भूमिहीन कैंप की झुग्गी-झोपड़ी वाली जगह को खाली किया जाएगा। भूमिहीन कैंप वाली जगह खाली कराने के बाद, इस जगह का उपयोग दूसरे चरण में नवजीवन कैंप और जवाहर कैंप के पुनर्वास के लिए किया जाएगा।