दिल्ली भाजपा प्रभारी पद से मुक्त होंगे पांडा और अलका गुर्जर,दोनों लड़ना चाहते हैं चुनाव

0
59
दिल्ली भाजपा प्रभारी पद से मुक्त होंगे पांडा और अलका गुर्जर,दोनों लड़ना चाहते हैं चुनाव
दिल्ली भाजपा प्रभारी पद से मुक्त होंगे पांडा और अलका गुर्जर,दोनों लड़ना चाहते हैं चुनाव

दिल्ली भाजपा प्रभारी पद से मुक्त होंगे पांडा और अलका गुर्जर,दोनों लड़ना चाहते हैं चुनाव

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,भारतीय जनता पार्टी नें मिशन 2024 के तहत लोकसभा चुनावो की जबर्दस्त तैयारी शुरू कर दी है | विपक्षी एकता की सम्भावना के तहत विपक्ष से भिड़ने के लिए तमाम अस्त्र शस्त्र सजाये जा रहे हैं | यह तैयारी मंडल स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक सन्गठन को दुरुस्त करने से ले सरकार तक के पेच कसे जाने तक हो रही है जिस पर दिन रात काम चल रहा है | सन्गठन से कुछ लोगो को सरकार में लाने की जमीनी तैयारी लगभग हो चुकी है तो सन्गठन के कुछ लोगो को चुनावी समर में भेजने की योजना भी बनाई जा रही है | वर्तमान सांसदों में से किसी किस का पत्ता कटेगा इस पर अभी मंथन होना बाकी है | लेकिन सर्वे शुरू हो चुके है और जीत दर्ज कर सकने वाले उम्मेदवारो के नाम पर ही अंतिम मुहर लगेगी |

विपक्ष जहां अपने लिए इस बार बेहतरीन अवसर मान कर चल रहा है वहीं भाजपा भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती | भाजपा जमीन पर उतर चुनावी तैयारियों में जुटी है | विपक्षी सरकारों के खिलाफ आन्दोलन से ले केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुँचने के लिए व्यापक मुहीम चलाना भी इसी योजना का हिस्सा था | जहां तक राजधानी दिल्ली की बात है पार्टी अरविन्द केजरीवाल से ज्यादा कांग्रेस को चुनौती समझ रही है | भाजपा रणनीतिकारों का मानना है दिल्ली का वोटर विधानसभा और लोकसभा में अलग-अलग नजरिये से वोट करता है | पिछले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस नें भाजपा को सीधे टक्कर दी दी थी और दूसरे नम्बर पर पांच सीटों पर कांग्रेस ही रही थी |

वीरेन्द्र सचदेवा जैसे जमीनी एवं सुलझे व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंप अब भाजपा प्रदेश प्रभारी तथा सह प्रभारी भी सुलझे हुए लोगो को बनाना चाहती है | जहां तक वर्तमान प्रभरी वैजयन्त पांडा का सवाल है वे उड़ीसा से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते है तो सह प्रभारी अलका गुर्जर राजस्थान से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है | लिहाजा सम्भावना है पार्टी इनके स्थान पर अन्य अनुभवी लोगो को यह जिम्मेदारी सौंपे | पार्टी जिला स्तर पर भी जल्द अपनी नियुक्तियां करने जा रही है |

मोटे तौर पर फार्मूला बनाया गया है एक जिला अध्यक्ष सांसद की मर्जी से तो दूसरा सन्गठन की मर्जी से बनेगा | लेकिन जिन सांसदों की टिकिट कटनी है उन्हें एक भी जिला नहीं दिया जाएगा | कुल मिलाकर भाजपा इन चुनावो को ले पिछले सभी चुनावो से भी ज्यादा सजग रहना चाहती है |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here