AAP के पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना पर संदीप दीक्षित बोले, ‘ये तो सामान्य तौर से…’

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संदीप दीक्षित
AAP के पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना पर संदीप दीक्षित बोले, 'ये तो सामान्य तौर से...'

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. अरविंद केजरीवाल ने सोमवार (30 दिसंबर) को ‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’ का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अगर आप की सरकार बनी तो मंदिर के पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने सम्मान राशि के तौर पर 18,000 रुपये दिए जाएंगे. अब इसे लेकर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरा है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आप चुनाव घोषित होने से सिर्फ पांच दिन पहले ऐसी घोषणाएं क्यों कर रहे हैं?

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, “उनके पास एक योजना हो सकती है, लेकिन सवाल यह है कि इसे पहले क्यों लागू नहीं किया गया? जब कोई सरकार दोबारा चुनाव में आती है, तो वह आम तौर पर नई योजनाओं की घोषणा करती है. इन स्कीमों का मतलब होता है नई सड़कें, नया इंफ्रास्ट्रक्चर, अस्पताल, स्कूल, पुल और बिजली परियोजनाएं.”

 

AAP की राजनीतिक साख खत्म हो गई है- संदीप दीक्षित

संदीप दीक्षित ने आगे कहा, ”ये जो है कि किसी की तनख्वाह बढ़ा दी, उसको मानदेय दे दिया. ये तो सामान्य तौर से चलता रहता है. आप चुनाव घोषित होने से सिर्फ पांच दिन पहले ऐसी घोषणाएं क्यों कर रहे हैं? आप ऐसी घोषणाएं दो-तीन महीने पहले कर लेते. इससे पता चलता है कि उन्हें एहसास हो गया है कि उनकी राजनीतिक साख खत्म हो गई है.”

आप का दिल्ली में जीतना असंभव- संदीप दीक्षित

उन्होंने आगे कहा, ”आम आदमी पार्टी का दिल्ली में जीतना असंभव हो गया है. ये इस तरह की कोशिश इसलिए कर रहे हैं ताकि अलग-अलग वर्गों को लुभाया जा सके. मैं इसके साथ-साथ एक और सवाल पूछता हूं कि अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर पिछले 8-10 दिन से तमाम मौलवी आए हुए हैं, जो वक्फ बोर्ड के हैं. वो दिल्ली सरकार के हैं, इनको ये लोग तनख्वाह दिया करते थे. वो तो कह रहे हैं कि उन्हें 6 महीने से सैलरी नहीं मिली है. जिनको आपको देना चाहिए, उन्हें तो आप तनख्वाह बांट नहीं रहे हो. नए लोगों को आप कहां से देंगे.”

सपने तो आप दिखा रहे लेकिन पूरा कैसे करोगे- संदीप दीक्षित

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ”दिल्ली सरकार के करीब 12-15 कॉलेज हैं, जो ये सीधे-सीधे चलाते हैं. वहां कई बार प्रोफेसरों को कभी 3 महीने तो कभी 6 महीने तक तनख्वाह नहीं मिलती है. आप प्रोफेसरों को वेतन नहीं दे पा रहे हो, आप अपने कर्मचारी, मौलवियों को पैसा नहीं दे पा रहे हो. नई स्कीम बनाओ लेकिन ये तो बताओ कि पैसा कहां से आएगा? अभी आपको जहां-जहां पैसा देना है, उसके लिए तो धन है नहीं. अभी पता चला कि आपने 10 हजार करोड़ रुपये भारत सरकार से लिए हैं. सपने तो आप दिखा रहे हैं, इन्हें पूरा कैसे करोगे?”

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