घाटी में एक बार फिर कश्मीरी पंडित आतंकियों के निशाने पर हैं। जहां शोपियां में आतंकियों ने पंडित पूरन कृष्ण की हत्या कर दी। घटना के वक्त कश्मीरी पंडित चौधरी गुंड में बाग लगाने जा रहे थे। तभी अचानक आ धमके आतंकियों ने उन पर गोलियां बरसा दीं। जिसके बार बुरी तरह से घायल पूरन को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहीं अस्पताल ले जाते वक्त घायल कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण ने दम तोड़ दिया। माना जा रहा है कि जिस तरह से ऑपरेशन ऑलआउट चलाकर आतंकियों को सेना सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। इसी से बौखलाए आतंकी टारगेट किलिंग का रवैया अपनाते हुए गैर कश्मीरियों को बसाए जाने का विरोध कर रहे हैं। वहीं इस हत्या के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकियों की धर पकड़ के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हालांकि अब तक इस हत्या में किसी आतंकी संगठन का नाम सामने नहीं आया है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि घटना के वक्त कश्मीरी पंडित चौधरी गुंड में बाग लगाने जा रहे थे। तभी अचानक आ धमके आतंकियों ने उन पर गोलियां बरसा दीं। जिसके बार बुरी तरह से घायल पूरन को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहीं अस्पताल ले जाते वक्त घायल कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण ने दम तोड़ दिया। माना जा रहा है कि जिस तरह से ऑपरेशन ऑलआउट चलाकर आतंकियों को सेना सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। इसी से बौखलाए आतंकी टारगेट किलिंग का रवैया अपनाते हुए गैर कश्मीरियों को बसाए जाने का विरोध कर रहे हैं। वहीं इस हत्या के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकियों की धर पकड़ के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हालांकि अब तक इस हत्या में किसी आतंकी संगठन का नाम सामने नहीं आया है। पुलिस के मुताबिक, शोपियां के उस पूरे इलाके को घेर लिया है और सर्च ऑपरेशन जारी है। जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाएं इस साल अप्रैल-मई से बढ़ गई हैं। अल्पसंख्यक लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने इस हमले पर कड़ा रोष जताया है। समिति ने सोशल मीडिया पर लिखा कि शोपियां के चौधरी गुंड में एक और कश्मीर पंडिता की हत्या कर दी गई। 13 अक्टूबर को ट्वीट के बावजूद ग्राउंड जीरो पर कुछ भी नहीं बदला गया है। यह गृह मंत्री अमित शाह को संदेश है कि कश्मीर के हालात 1990 की तरह के हैं। एक अन्य ट्वीट में समिति ने आरोप लगाया है कि डीसी शोपियां और एसएसपी शोपियां पीड़ित परिवार पर दबाव बना रहे हैं कि वे जल्द से जल्द पीड़ित का अंतिम संस्कार कर दिया जाए। क्योंकि उन्हें घाटी में सामान्य स्थिति दिखानी है।