मायावती ने अवध ओझा को दिया था इस सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर, UPSC कोचिंग टीचर का बड़ा दावा
यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग टीचर अवध ओझा ने बताया कि वे बीजेपी की टिकट से प्रयागराज से चुनाव लड़ना चाहते थे.
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं, लेकिन चुनावी बयानबाजी का दौर अब भी जारी है. यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले जाने-माने टीचर, कोच और मेंटर अवध ओझा ने चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है. न्यूज-24 को दिए इंटरव्यू में अवध ओझा ने खुलासा किया है कि वे बीजेपी की टिकट पर प्रयागराज से चुनाव लड़ना चाहते थे.
पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए अवध ओझा ने कहा कि हमारे शरीर राजनीति पॉजिटिव का ब्लड बहता है. राजनीति करना मेरा शौक है, राजनीति मेरे दिल मे धड़कती है. अवध ओझा ने कहा कि मैं 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रयागराज से बीजेपी का टिकट मांग रहा था. बीजेपी ने टिकट के देने पर विचार करने की बात कही, बाद में बीजेपी ने टिकत नहीं दिया. अवध ओझा ने बताया कि बीजेपी नेताओं ने उनसे कहा कि कैसरगंज से चुनाव लड़ जाओ. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी टिकट से अमेठी चुनाव लड़ने की इच्छा जताई लेकिन कांग्रेस ने उन्हें अमेठी से टिकट नहीं दिया.
चुनाव जीतने के सवाल पर कही ये बात
अवध ओझा ने इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्हें पार्टी से ज्यादा मतलब नहीं था, बल्कि वे कुछ सीटों से चुनाव लड़ना चाहते थे. आगे कहा कि बहुजन समाज पार्टी की तरफ से बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें फूलपुर सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर किया था. इसके लिए उन्होंने मायावती का धन्यवाद भी दिया. मायावती ने उन्हें मैन पॉवर, मनी पॉवर हर तरीके से मदद के लिए कहा था. जब पत्रकार ने उनसे कहा कि बसपा से चुनाव लड़ते तो हार जाते. इस पर उन्होंने कहा कि लड़ाई में हार जीत मायने नहीं रखती है. उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग चार-चार-पांच-पांच बार चुनाव हार गए. चुनाव में ये कन्फर्म नहीं है कि आप जीतेंगे ही जीतेंगे.
कैसरगंज से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे कैसरगंज से चुनाव नहीं लड़ना था. इसके पीछे की वजह उन्होंने बताई कि अगर वे कैसरगंज से चुनाव लड़ते तो उन्हें अपने परिवार में से किसी को खोना पड़ जाता. हालांकि उन्होंने इसके पीछे की वजह स्पष्ट नहीं की. प्रयागराज से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम फाइट देते. इसके लिए हम भी अपना दम लगाते. रेवती रमण सिंह के बेटे उज्जवल रमन सिंह को लेकर उन्होंने कहा कि वे अच्छे नेता हैं, ऐसा नहीं है कि मैं उन्हें खुली फाइट देता लेकिन टक्कर जरूर होती.