चुनावी सीजन में लवली का मास्टर स्ट्रोक पड़ेगा गठ्बन्धन पर भारी
जो हवा बनी थी दो माह में एक दिन में हो गई धूमिल
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,इंडिया गठबंधन के लिए रविवार का दिन दिल्ली में मुसीबत भरा रहा | गठबंधन के घटक दल कांग्रेस के दिल्ली मुखिया अरविन्द्र सिंह लवली ने गठबंधन की शर्तों पर ही सवाल उठाते हुए अपनी प्रधानी से इस्तीफ़ा दे दिया और पार्टी नें भी उनके इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से मंजूर कर लिया | अरविन्द्र सिंह लवली नें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे को लम्बा खत लिखते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की और उन्हें पदमुक्त करने का आग्रह किया जिसे मान लिया गया | लवली नें खत में प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया पर उन्हें तवज्जो नहीं देने तथा अपनी मनमर्जी चलाने का जिक्र भी किया है | लवली नें गठ्बन्धन के तहत कम सीटें मिलने तथा प्रत्याशी चयन में दिल्ली इकाई की सिफारिशो को नजरंदाज करने का जिक्र किया है |
लवली नें लिखा है उन्हें सन्गठन में ब्लाक अध्यक्ष तक नियुक्त नहीं करने दिए गए | नतीजन आधे से ज्यादा ब्लाक अध्यक्ष नियुक्त नही किये जा सके | लवली नें कहा उन्होंने कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए त्यागपत्र दिया | लवली ने अपने निवास पर मीडिया के सामने भी अपनी पीड़ा व्यक्त की | लवली के घर पर पूर्व सांसद संदीप दीक्षित,पूर्व मंत्री राज कुमार चौहान ,पूर्व विधायक नसीब सिंह,भीष्म शर्मा ,अमरीश गौतम ,सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता मौजूद थे | उल्लेखनीय है अरविन्द्र लवली कन्हैया कुमार तथा उदितराज की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे | उनका कहना था इन क्षेत्रों से स्थानीय नेताओं को प्रत्याशी बनाया जाए | हालांकि लवली नें सवाल का जवाब देते हुए कहा वे पार्टी नहीं छोड़ने जा रहे और कार्यकर्ताओं से पूछकर ही कोई निर्णय लेगें | उल्लेखनीय है कुछ वर्ष पूर्व भी लवली नें नगर निगम चुनाव से पूर्व पार्टी छोड़ते हुए भाजपा ज्वाईन कर ली थी | लवली के इस्तीफे पर प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया भले ही यह कहकर पल्ला झाड रहे है कि उनके इस्तीफे से कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन चुनावी सीजन में लवली का इस्तीफ़ा गठ्बन्धन पर किसी वज्रपात से कम नहीं है | लवली की आगे की रणनीति क्या रहने वाली है यह आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन इतना तय है कुछ ना कुछ गुल जरुर खिलेगा इस सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता | आज बस इतना ही …