बाबरपुर कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लिए हुई लॉबिंग शुरू

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बाबरपुर कांग्रेस जिलाध्यक्ष
बाबरपुर कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लिए हुई लॉबिंग शुरू

बाबरपुर कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लिए हुई लॉबिंग शुरू

* भीष्म शर्मा सहित कई दावेदार

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,जुबेर अहमद द्वारा आम आदमी पार्टी का दामन थामने के बाद बाबरपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष का पद खाली हो गया है | दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक है और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव की न्याय यात्रा भी आठ नवम्बर से शुरू होनी है | लिहाजा कांग्रेस को इससे पूर्व बाबरपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त करना पड़ेगा | और इस सम्भावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि केवल बाबरपुर ही नहीं कुछ और जिलों में भी अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी जाए | वैसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव तो कई माह से यह रद्दोबदल करना चाहते हैं लेकिन प्रभारी महासचिव की तरफ से उन्हें हरी झंडी नहीं मिली थी इसलिए उनकी सूची लटकी है | जिस तरह से देवेन्द्र यादव नें पार्टी हाईकमान से अनुमति मिलने पर करीब पांच दर्जन ब्लाक अध्यक्षों की सूची जारी कर दी है सम्भावना जताई जा रही है अगले कुछ दिनों के भीतर कांग्रेस में जिला स्तर पर भी बदलाव किये जा सकते हैं |

चुनावी साल होने के चलते जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों में जातीय समीकरण साधने के प्रयास भी किये जायेगें इस सम्भावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता | जहां तक बाबरपुर जिले का सवाल है यहाँ से अल्पसंख्यक अध्यक्ष के पाला बदलने के बाद कांग्रेस के सामने किसी मजबूत अल्पसंख्यक को तलाशना बड़ी चुनौती है | ऐसे में ये अटकलें भी है इस संसदीय क्षेत्र के दूसरे जिले करावल नगर को अल्पसंख्यक अध्यक्ष दे दिया जाए और वहां के अध्यक्ष आदेश भारद्वाज को विधानसभा चुनाव लडवा दिया जाए | करावल नगर पर चर्चा हम बाद में करेंगें आज बाबरपुर पर ही फोकस करते हैं |

पूर्व विधायक भीष्म शर्मा मजबूत दावेदार हैं और यदि वे चुनाव लड़ने से मना करते हैं तो यह जिम्मेदारी उन्हें दी जा सकती है | हालांकि भीष्म शर्मा का कहना है वे पहले भी इस पद पर कार्य कर चुके हैं अब उनकी इच्छा नहीं है | जिलाध्यक्ष पद के लिए दूसरा मजबूत नाम युवा कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष राज कुमार जैन का है वे देवेन्द्र यादव की पहली और आखरी पसंद बताये जाते हैं | अन्य दावेदारों में राजीव कौशिक का नाम भी है और वे बाबरपुर से चुनाव भी लड़ना चाहते हैं लेकिन लम्बे समय से सन्गठन से जुड़े होने के नाते उनके दावे में भी दम है | जहां तक अल्पसंख्यक खाते का सवाल है ऐसे में जुबेर अहमद की टक्कर का एक नाम हाजी जरीफ का भी चर्चा में है वे निगम पार्षद के साथ-साथ ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं | लेकिन वे भी विधानसभा चुनाव के लिए मजबूत दावेदार है | ऐसे में कांग्रेस को ऐसे अध्यक्ष की तलाश हो सकती है जो चुनाव नहीं लड़ना चाहता हो और उसका सारा फोकस सन्गठन पर बना रहे | आज बस इतना ही …

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