अपने ही बुने जाल में बुरी तरह फंस सकते हैं गौतम गंभीर विरोधी नेता
* अपनी दावेदारी के चक्कर में लपेटते रहे गंभीर को
* गौतम विरोधियों को प्रत्याशी बना नहीं लेगी भाजपा रिस्क
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,कुछ लोग दूसरों की राह काट अपना रास्ता बनाने में माहिर होते हैं और कभी कभार उन्हें कामयाबी भी मिल जाती है | लेकिन ऐसे लोग कभी-कभी ठोकर खा गिर भी पड़ते हैं और फिर लम्बे समय तक पछताने के अलावा उनके पास कुछ नहीं बचता | पुरानी कहावत है जो दूसरो के लिए गड्ढे खोदते है उनमें गिर भी पड़ते हैं | जी हाँ बात कडवी जरुर है लेकिन सच्ची है | हम जिक्र कर रहे हैं यमुनापार की पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट का जहां से देश के नामचीन खिलाडी गौतम गंभीर भाजपा की ओर से सांसद बने थे | वैसे तो अचानक राजनीती में आये गौतम की लोकप्रियता से उस वक्त ही भाजपा के कई स्थानीय धुरंधरों को परेशानी हुई थी लेकिन जैसे जैसे गौतम के पैर राजनीती में जमने लगे उन्हें लगने लगा अब गौतम की विकिट उखाड़नी आसान नहीं रहने वाली और यदि ऐसा नहीं हुआ तो उनकी इनिंग बिना खेले ही पूरी हो जायेगी | गौतम की चैरिटी छवी की चर्चा ना केवल राजधानी दिल्ली बल्कि पूरे हिंदुस्तान में है उनके द्वारा शुरू की गई जन रसोई की तारीफ़ खुद भाजपा नेत्रत्व करता रहा है | इतना ही नहीं देश के मीडिया नें भी इसे समय – समय पर प्रमुखता दी |
इसके अलावा खेलों खास तौर से आई .पी.एल. की तर्ज पर गौतम नें जो टूर्नामेंट शुरू किये उनसे उनकी लोकप्रियता जनता के साथ साथ पार्टी में बड़ी तेजी से बढने लगी | जो भाजपा में उनके विरोधियों को नहीं पच रही थी लिहाजा उन्होंने गौतम के खिलाफ पार्टी में फील्डिंग बिछानी शुरू कर दी और उनकी छवि को पार्टी में दागदार बनाना शुरू कर दिया | कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है भाजपा में एक ऐसी मंडली तैयार हो गई जिनका काम केवल और केवल गौतम की निंदा और आलोचना करना रह गया | सूत्र बताते है इस मंडली के एक दो नही बल्कि तीन चार लोग सांसद बनने का ख्वाब ले रहे थे और वह ख्वाब तभी पूरा हो सकता था जब गौतम का विकिट गिरे |
लिहाजा वे सभी अपने-अपने तरीके से गौतम विरोधी मुहीम में जुट गए | और अपने-अपने आकाओं के यहाँ गौतम विरोधी अभियान चलाने लगे | ये सभी प्रदेश लेवल या जन प्रतिनिधि स्तर के नेता थे लिहाजा उनका उठना बैठना पार्टी के बड़े लीडर्स से रूटीन वर्क था | बस फिर क्या था तेजी पकड़ने लगा गौतम विरोधी अभियान दूसरी ओर गौतम ऐसे नेताओं से दूरी बना अपने कामों में मस्त रहे |
गौतम के विरोधियों की भले ही आपस में भी नहीं बनती लेकिन गौतम विरोध में सब एकजुट थे | इन तमाम गतिविधियों से दुखी हो गौतम नें पार्टी हाईकमान से अपने को दायित्व से मुक्त करने का अनुरोध कर दिया हालांकि पार्टी नें अभी तक उनका अनुरोध मंजूर नहीं किया है और गौतम की निष्ठा भी पार्टी जुडी है आज भी उन्होंने अपने सोशल मिडिया अकाउंट पर खुद को मोदी का परिवार लिख संदेश दे दिया है | लेकिन हमारे सहित गौतम को नजदीक से जानने वाले यह अच्छे से जानते हैं गौतम सब कुछ बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन अपने स्वाभिमान से समझोता नहीं करते | समझ गए ना आप यानी अपने विरोधियों के लिए उनके पास क्षमा नाम का कोई यंत्र नहीं है और ना ही उन्हें भ्रम पालना चाहिए उनमें से किसी को भी उनका समर्थन मिल सकता है | इन हालातों से पार्टी नेत्रत्व भी अनजान नहीं है लिहाजा विरोधियों को पार्टी नेत्रत्व संदेश दे चुका है गौतम नहीं तो तुम भी नहीं, समझ गए ना आप अभी तक क्यों नहीं की गई पूर्वी दिल्ली सीट से प्रत्याशी की घोषणा | आज बस इतना ही …