पश्चिम बंगाल सरकार दुर्गापुर में ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट स्थापित करने की योजना बना रही है। बंगाल के ऊर्जा मंत्री अरूप बिस्वास ने बताया कि केंद्र सरकार राज्य को ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए एक संभावित क्षेत्र के रूप में देख रही है। बिस्वास ने शनिवार को एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (RDSS) के तहत ऊर्जा क्षेत्र के लिए लगभग 11,900 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में, केंद्र सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया के उत्पादन के लिए संभावित राज्य के रूप में पश्चिम बंगाल की पहचान की है। अब पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम लिमिटेड (WBPDCL) पायलट परियोजना के रूप में दुर्गापुर में हरित हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहा है।
अरूप बिस्वास ने बताया कि बंगाल सरकार बहुत जल्द कोलाघाट और बंदेल थर्मल पावर स्टेशनों को बड़े स्तर पर अपग्रेड करने का कार्य शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि आरडीएसएस योजना से ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में प्रयास को प्रोत्साहन मिला है, जिसके तहत नुकसान में कमी, स्मार्ट मीटर की स्थापना और सिस्टम आधुनिकीकरण के लिए 11,895 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा ताकि क्षेत्र निरंतर सुधार के पथ पर आगे बढ़ सके।
मंत्री ने कहा कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी में 660 मेगावाट का सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर स्टेशन निर्माणाधीन है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल सरकार ने बकरेश्वर बांध पर 500 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित करने को मंजूरी दी है।