केजरीवाल की आतिशी पारी से पूरे विपक्ष में बेचैनी

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केजरीवाल की आतिशी पारी
केजरीवाल की आतिशी पारी से पूरे विपक्ष में बेचैनी

केजरीवाल की आतिशी पारी से पूरे विपक्ष में बेचैनी

दो महीने में खेलना होगा टवंटी टवंटी

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली , आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने लास्ट बॉल पर छक्का मारकर तीसरे टेस्ट की लास्ट पारी से भले ही ” सरकारी दाग ” लगी विदाई ले ली लेकिन यह मानना पड़ेगा उन्होंने आतिशी पारी खेली, और चलते चलते जिम्मेदारी भी आतिशी को सौंप दी | इसमें कोई दो राय नहीं कि पर्दे के पीछे से ही नहीं बल्कि पर्दे के सामने से ही सरकार की कमान केजरीवाल के हाथ में ही रहेगी | खुद आतिशी नें मीडिया से रूबरू होते वक्त यह संकेत दिए कि वे मात्र विधानसभा चुनाव परिणामों तक यह दायित्व सम्भालेगी और बिना ” गुरु जी “के कुछ भी नहीं होगा | समझ गए ना आप अपने ऊपर लगे आरोप धोने के लिए ही अरविन्द नें यह शाट खेला है |

उन्हें उम्मीद है दिल्ली की जनता उनके किये कामों पर मुहर लगाएगी और एक बार फिर से वे पारी खेलने के लिए तैयार हो जायेगें | यह बात अलग है उनपर लगे आरोपों को जब तक क्लीन चिट कोर्ट से नहीं मिलेगी उन पर लगी तमाम पाबन्दिया भी जारी रहेगी | क्योंकि कोर्ट नें ये पाबन्दिया केवल इसी कार्यकाल के लिए नहीं लगाई है | ये कानूनी पाबंदियां कानून के दायरे से तभी बाहर आयेगीं जब इनका समाधान हो जाएगा | लेकिन अरविन्द अपनी नई पारी की तैयारी के लिए जुट गए हैं ,मुख्यमंत्री के बाद अब मंत्रियों को भी उसी रणनीति के तहत जिम्मेदारी दी जायेगी | जिसके संकेत पार्टी नेता संदीप पाठक नें दे दिए हैं | अरविन्द पर लगे दाग जनता से धुलेगें या नहीं यह तो वक्त बताएगा लेकिन कोर्ट से धुलने में लम्बा वक्त लगेगा |

आतिशी की पारी भी टवंटी टवंटी स्टाईल में आतिशी रहने की पूरी सम्भावनाएं है | आतिशी भी अपनी पारी की हर बाल को सीमा के पार खेलने का प्रयास करेगी ताकि थोड़े समय में ज्यादा से ज्यादा चुनावी घोषणायें की जा सके और कुछ पर तो अमल भी कराया जा सके | अमल हुआ तो हमने किया नहीं हुआ तो केंद्र नें नहीं होने दिया | निश्चित रूप से इस कार्यकाल में केवल वही घोषणायें होने की सम्भावना है जिनसे चुनावी फायेदे ज्यादा से ज्यादा बटोरे जा सकें | भाजपा हो या दूसरे विपक्षी दल अरविन्द की इस रणनीति को समझ रही है और इसकी काट भी ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं | भाजपा तो इस उलझन में है उनका नारा 26 साल बाद अबकी बार भाजपा सरकार कैसे पूरा होगा | आज बस इतना ही …

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