जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कुपवाड़ा के माछिल इलाके में ड्यूटी के दौरान 56 राष्ट्रीय राइफल्स के 3 जवान हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हो गए। उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान के बाद सभी शवों को निकाल लिया गया है। हिमस्खलन 12 जावा के एक लिंक पेट्रोल पर गिरा, जो नियंत्रण रेखा (एलओसी) से 1-2 किमी पहले आगे की ओर बढ़ रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार तड़के 2 बजकर 30 मिनट पर 2 हिमस्खलन हुए। हाइपोथर्मिया के कारण एक जवान की मौत हो गई और अन्य दो हिमस्खलन की चपेट में आ गए। पीआरओ डिफेंस श्रीनगर ने बताया की “माछल सेक्टर में एक गश्ती दल पर एक हिमस्खलन हुआ। बर्फ में फंसे 2 सैनिकों को बचाया गया और सैन्य अस्पताल कुपवाड़ा ले जाया गया। गश्ती दल के एक अन्य सैनिक को हाइपोथर्मिया हो गया और उसे सैन्य अस्पताल ले जाया गया। सभी 3 जवान शहीद हो गए।” हिमालयी क्षेत्रों के हिस्से हिमस्खलन की चपेट में हैं। हिमस्खलन का अचानक प्रहार बचने का मौका नहीं देता इसलिए इसे घातक प्राकृतिक आपदा माना जाता है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) के अनुसार, संस्थान में एक उन्नत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा रहे 27 प्रशिक्षुओं और दो प्रशिक्षकों सहित 29 पर्वतारोहियों का एक समूह 4 अक्टूबर को 17,000 फीट की ऊंचाई पर हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद लापता हो गया था। पर्वतारोहियों का ये समूह जब वापस लौट रहा था तब ये हादसा हुआ था।