लवली के लवली बनते जा रहे है कन्हैया कुमार की मुसीबत
* साथ रहकर बिगाड़ रहे हैं चुनावी रणनीति
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,हैडलाइन कुछ अजीब सी लग रही होगी आपको ,लवली के लवली मतलब कांग्रेस से पाला बदल भाजपा में शामिल हुए दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के कांग्रेस में बेहद करीबी लोग | समझ गए ना आप, क्या कहने जा रहे हैं हम ,लवली नें करीब चालीस साल तक कांग्रेस की राजनीति की है जिनमे से करीब तीस साल वे की पोस्ट पर मतलब अहम पदों पर रहे हैं | लिहाजा हजारों लोगो को उन्होंने अपने मंत्री पद ,जिला अध्यक्ष तथा प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहते हुए ओबलाइज किया होगा ,कितनों को टिकिट दी होगी और कितनों को ही पदाधिकारी बनाया होगा | उनमें से दस फीसदी भी यदि लवली के लवली मान लिए जाए तो यह संख्या भी सैकड़ों में होगी | और शायद इसीलिए लवली को जमीनी नेता माना जाता है | लवली नें रामबाबू शर्मा तथा स्व.एच.के.एल.भगत से राजनीति सीखी है समझ गए ना आप अपने विरोधियों से कैसे निपटा जाता है ये गुर उन्हें विरासत में मिले हैं ,बूथ लेवल से लेकर प्रदेश पदाधिकारियों तक कांग्रेस में उनकी पकड़ है | आधे से ज्यादा ब्लाक अध्यक्ष उन्होंने गत माह ही अपनी पसंद के लोग बनाये है उनमे से ज्यादातर कभी बन भी नहीं सकते थे | माना जा रहा है ज्यादातर के तार अभी भी लवली से जुड़े है और दो दिन पहले ही लवली नें कहा भी है अभी बड़ी संख्या में कांग्रेस से भाजपा में पलायन होगा |
लेकिन सूत्रों का दावा है पहले ये लवली के लवली कांग्रेस में भीतरघात का खेल खेलेगें इस सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता | यहाँ यह भी बताना जरूरी है लवली नें कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी के विरोध में ही ही इस्तीफ़ा दिया था | लिहाजा उनका टार्गेट भी कन्हैया ही रहने वाले हैं | खबर तो यहाँ तक भी है कि कई पूर्व विधायक जो अपनी विधानसभा के संयोजक बनाये गए है अभी भी लवली के सम्पर्क में है | और अपने आका के हुकुम की तामिल में लगे हैं | यहाँ यह भी याद दिलाना जरुर है कन्हैया की उम्मीदवारी के एलान के बाद कम से कम तीन पूर्व विधायकों नें हाईकमान से कन्हैया की उम्मीदवारी का विरोध भी किया था | हमारे पास लवली के सभी लवली की लिस्ट है लेकिन वे हमारे भी लवली है उनके नाम खोलना हमारे लिए भी उचित नहीं है | कुल मिलाकर लवली के लवली कन्हैया बाबू का खेल बिगाड़ने में लगे हैं | और यदि कन्हैया के रणनीतिकार नहीं सम्भले तो फिर कन्हैया बाबू का भगवान ही मालिक होगा | आज बस इतना ही …