‘जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के लिए लोहे का जिगर चाहिए था’, राज्यसभा में बोले अमित शाह | 10 बड़ी बातें

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अमित शाह
'जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के लिए लोहे का जिगर चाहिए था', राज्यसभा में बोले अमित शाह | 10 बड़ी बातें

Amit Shah Speech in Rajya Sabha: राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संविधान पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान किए गए संविधान संशोधन दो लेकर जमकर निशाना साधा. पढ़ें गृह मंत्री अमित शाह की चर्चा की बड़ी बातें:

अमित शाह ने कहा, “देश कितना आगे बढ़ा, जनता को ये चर्चा इस बात का अहसास कराएगी. इस चर्चा में हम गहराई तक गए. हमारा लोकतंत्र पाताल की गहराई तक है. ये भी साफ हुआ कि जब जब जनता ने किसी पार्टी को जनादेश दिया तो उसने सम्मान किया या नहीं किया. संविधान पर चर्चा युवा पीढ़ी के लिए अच्छा है. इस देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से अनेक तानाशाहों का अभिमान चूर-चूर करने का काम किया है.”

‘कांग्रेस सालों तक 370 को गोद में खिलाने का काम करती रही’

अमित शाह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के लिए लोहे का जिगर चाहिए था. कांग्रेस इतने सालों तक 370 को गोद में खिलाने का काम करती आई. लोग कहते थे कि खून की नदियां बहने लगेंगी. नरेंद्र मोदी जी दूसरी बार सत्ता में आए और एक ही झटके में इसे हटाने का काम किया. खून की नदियां छोड़ो, एक कंकड़ भी चलाने की किसी में हिम्मत नहीं. चिनाब ब्रिज से लेकर निर्यात में सभी केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू कश्मीर के नंबर वन पर आने का जिक्र करते हुए कहा कि 1 लाख 19 हजार करोड़ का निवेश आज आ गया है. ये पूछते हैं कि 370 हटाने से क्या हो गया. बताता हूं. इससे आपकी तुष्टिकरण की दुकान बंद हो गई है.”

आंबेडकर के किस मंत्र को अमित शाह ने दी नई परिभाषा?

अमित शाह ने कहा, “संविधान की रचना के बाद डॉ आंबेडकर ने बहुत सोच समझकर एक बात कही थी कि कोई संविधान कितना भी अच्छा हो, वह बुरा बन सकता है, अगर जिन पर उसे चलाने की जिम्मेदारी है, वो अच्छे नहीं हों. उसी तरह से कोई भी संविधान कितना भी बुरा हो, वो अच्छा साबित हो सकता है, अगर उसे चलाने वालों की भूमिका सकारात्मक और अच्छी हो. ये दोनों घटनाएं हमने संविधान के 75 साल के कालखंड में देखी हैं.

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए अमित शाह बोले, “54 साल के युवा हवा में बात करके कहते हैं संविधान बदल देंगे. इसका प्रावधान संविधान में ही है. 16 साल में हमने 22 परिवर्तन किए. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने परिवर्तन किए.”

उन्होंने कहा, “आज जब 75 साल के समय के बाद, संविधान को स्वीकार करने के बाद पीछे मुड़कर देखते हैं तो सरदार पटेल का मैं धन्यवाद करना चाहता हूं कि उनके अथक परिश्रम के कारण आज एक होकर देश मजबूती के साथ दुनिया के सामने खड़ा है.”

‘हमने 16 साल में 22 संशोधन किए, कांग्रेस ने 55 साल में 77 बार संविधान बदला’

अमित शाह ने कहा, “भाजपा ने 16 साल राज किया और 22 बार संविधान में संशोधन किया. वहीं कांग्रेस ने 55 साल राज किया और 77 बार संविधान में परिवर्तन किया. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने परिवर्तन किए, लेकिन परिवर्तन का उद्देश्य क्या था? इससे पार्टी का संविधान में विश्वाश का पता चलता है. प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय संविधान में पहला संशोधन किया गया और 19A जोड़ा. ये संशोधन अभियक्ति की आजादी और  अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कर्टेल करने के लिए किया गया.  इसी तरह 24वां संशोधन किया गया और इसके माध्यम से नागरिकों के मौलिक अधिकार कम कर दिए गए. इसी तरह कांग्रेस ने सिर्फ अपने उद्देश्य के लिए संविधान में कई संशोधन किए.”

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “वोटबैंक की राजनीति कांग्रेस करती है, वोटबैंक की राजनीति हम नहीं कर रहे हैं. वोटबैंक की राजनीति करके मुस्लिम बहनों के साथ इतने दिनों तक अन्याय करने का काम. कांग्रेस पार्टी ने किया है. हमने तो ट्रिपल तलाक खत्म करके मुस्लिम माताओं-बहनों को अधिकार दिया.

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