अपना एजेंडा बताने की बजाय आतिशी लगी हैं अरविंद केजरीवाल का गुणगान करने में : विनोद जायस
– हर्ष भारद्वाज –
नई दिल्ली , राजधानी दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को अपने कार्यकाल का एजेंडा दिल्ली की जनता के बीच रखना चाहिए ,उन्हें जनता को यह बताना चाहिये वे दिल्ली की लिए कौन-कौन सी योजनायें लाने जा रही हैं और वे क्या नया करना चाहती हैं | यह कहना है भारतीय जनता पार्टी उत्तर पूर्वी जिले के उपाध्यक्ष ठाकुर विनोद जायस का |
विनोद जायस कहते हैं आतिशी मैडम यह तो बता नहीं रही बल्कि खुद को अरविन्द केजरीवाल की शिष्या बता केवल उनका गुणगान करने में लगी है | विनोद जायस कहते हैं आम आदमी पार्टी पूरी तरह से नौटंकी बाजों की पार्टी है | इस पार्टी के नेताओं का काम केवल जनता को गुमराह करने का रह गया है | जबकि इस पार्टी के तमीम नेताओं की पोल खुल चुकी है | मुख्यमंत्री ,उप मुख्यमंत्री सहित तमाम बड़े नेता भ्रस्टाचार के गंभीर आरोपों में जेल जा चुके है लेकिन इस पार्टी के नेताओं को जरा भी शर्म नहीं आती उलटे जमानत पर छूटने के बाद इस तरह से जश्न मनाते हैं जैसे गोल्ड मेडल जीत कर लौटे हैं |
विनोद जायस कहते हैं अरविन्द केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी के नेता हर झूठ और नियमित बात को बार-बार दोहराकर जनता से सहानूभूति लेने की शैली पर काम करते है। अब जब अरविन्द केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है तो सरकारी प्रक्रिया अनुसार शीशमहल और पूरी सुरक्षा भी छोड़ना पड़ेगा,इनके नेताओं द्वारा घोषणा करना कि केजरीवाल घर और सुरक्षा छोड़ेगे और आम आदमी की तरह रहेंगे, यह पूरी तरह से गुमराह करने वाली बयानबाजी है, क्योंकि पूरे 10 साल अरविन्द केजरीवाल ने सरकारी घर और लाव लश्कर वाली सुरक्षा में वीआईपी बनकर रहे है। उन्होंने कहा कि और अब जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा मिली शर्तां पर जमानत के बाद शक्तियां खत्म होते मुख्यमंत्री पद से नाटकीय रुप में इस्तीफा देकर दिल्लीवासियों से सहानुभूति लूटने का असफल प्रयास किया।
विनोद जायस कहते हैं कि मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद अरविन्द केजरीवाल को औपचाकिताओं को पूरा करना होगा, इसको भी आम आदमी पार्टी इवेंट बनाकर आगामी विधानसभा चुनावों में राजनीति लाभ उठाने की कोशिश कर रहे है। उन्होंनेकहा कि जब मुख्यमंत्री पद छोड़ने का फैसला उनका निजी था, तो शीश महल छोड़कर कहां रहेंगे यह भी उनका निजी मामला है, इसमें आम आदमी पार्टी के सभी नेता अपने विचार रखकर क्या केजरीवाल के प्रति सहानूभूति दिखाना चाहते है, या जनता के बीच केजरीवाल की छवि सुधारना चाहते है, कि वो आम आदमी बनकर जनता के बीच रहेंगे। विनोद जायस कहते हैं कि अरविन्द केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद छोड़ने, शीशमहल छोड़ने, सुरक्षा छोड़ने का यह मतलब नही है कि 10 वर्षों में उनके नेतृत्व में किए गए भ्रष्टाचार और सरकारी विभागों के घोटालों से उनकी जिम्मेदारी छूट जाऐगी। शराब घोटाले की जांच चल रही है और जमानत मिलने वाली शर्तें आज भी लागू हैं, यदि उनके खिलाफ सबूत पेश हुए तो कोर्ट उन्हें फिर से हिरासत में लेने के आदेश कर सकता है।