बिना सफाई कर्मियों के कैसे सुधरेगा दिल्ली का सफाई सिस्टम  : हरिकिशन जिंदल

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बिना सफाई कर्मियों के कैसे सुधरेगा दिल्ली का सफाई सिस्टम  : हरिकिशन जिंदल
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़  ) : दिल्ली नगर निगम में सत्तासीन आम आदमी पार्टी की सरकार आजकल दिल्ली में विशेष सफाई अभियान चला रही है और दिल्ली की सरकार तथा दिल्ली नगर निगम दावा करती है कि दिल्ली का सफाई सिस्टम लगातार सुधरता जा रहा है लेकिन ऐसा नहीं है दिल्ली का सफाई सिस्टम पहले से भीज्यादा खराब होता जा रहा है | यह कहना है पूर्व वरिष्ठ निगम पार्षद तथा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे हरिकिशन जिंदल का | श्री जिंदल कहते है आलम यह है कि कुछ इलाकों को छोड़कर इस अभियान का कहीं भी कोई असर देखने को नहीं मिल रहा |
श्री जिंदल कहते हैं  कि नगर निगम के पास पर्याप्त मात्र में सफाई कर्मी ही नहीं है तो सफाई सिस्टम कैसे सुधरेगा | उन्होंने कहा  दिल्ली में बिगड़ती सफाई व्यवस्था को देखते हुए दिल्ली में तत्काल नये कर्मचारियों की भर्ती की जानी चाहिए  क्योंकि एक-एक कर्मचारियों का कई -कई  कर्मचारियों का काम करना पड़ रहा है। करीब तीन दशक  से आज तक नियमित सफाई कर्मचारियों की  कोई नई भर्ती नही हुई है। यहां तक कि रिटायर्ड हुए अथवा मृतक कर्मचारियों के स्थान पर भी भर्ती नहीं  हुई। सफाई कर्मचारियों की भारी  कमी है। यही कारण है कि सफाई व्यवस्था निगम के दायरे से बाहर है।
श्री जिंदल  ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द  केजरीवाल ने सफाई कर्मचारियों को कैशलेश मेडिकल कार्ड देने का भी वादा किया था, जो आज तक पूरा नही किया गया। गंदगी के कारण कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से जूझना पड़ता है। इसके लिए कैशलेश कार्ड होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मरने वाले ज्यादातर  सफाई कर्मचारियों के आश्रितों को न नौकरी मिली और न ही एक करोड़ मिला है। सफाई कर्मचारियों को अम्बेडकर आवास योजना के तहत कांग्रेस शासन में आसान किश्तों पर मकान बनाकर दिए। उक्त योजना को बंद कर दिया है। हरिकिशन जिंदल  ने कहा कि निगम में हर महीने  कर्मचारी रिटायर होते है या मर जाते है, जिनके अंतिम लाभांशों का भुगतान समय पर नही होता तथा मृतक कर्मचारी के आश्रित विधवा एवं उनके बच्चे नौकरी के लिए निगम कार्यालय के चक्कर लगाते रहते है परंतु उन्हें जो कार्य एक महीने में होना चाहिए वो लम्बे समय  नहीं किया जाता। जबकि अन्य प्रांतों हरियाणा, उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र में करुणामूलक आधार नियमित नियुक्ति दी जाती है

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