Udhampur Encounter: जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: उधमपुर में मुठभेड़ जारी, बांदीपोरा में लश्कर के चार ओवर ग्राउंड वर्कर गिरफ्तार
जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों की आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई जारी है। बीते 24 घंटों में राज्य में यह तीसरी बड़ी मुठभेड़ है, जो इस समय उधमपुर जिले के डूडू बसंतगढ़ इलाके में जारी है। सुरक्षाबलों ने यहां आतंकियों को घेर लिया है और दोनों ओर से जबरदस्त फायरिंग हो रही है। आतंकियों की पहचान फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन खुफिया सूत्रों के अनुसार, इलाके में छिपे हुए आतंकियों की संख्या दो से तीन बताई जा रही है।
इस मुठभेड़ में भारतीय सेना को एक बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा है। ऑपरेशन के दौरान 6 PARA स्पेशल फोर्स यूनिट के हवलदार झंटू अली शेख गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने X (पूर्व ट्विटर) पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके बलिदान को सलाम किया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी सोशल मीडिया पर अपनी शोक-संवेदनाएं व्यक्त करते हुए लिखा कि देश ने एक और बहादुर सपूत खो दिया है। ऑपरेशन अभी भी जारी है और सुरक्षाबलों का मानना है कि जल्द ही आतंकियों को या तो मार गिराया जाएगा या आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया जाएगा।
उधर, उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा जिले में पुलिस ने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के नेटवर्क पर करारा प्रहार करते हुए चार ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) को गिरफ्तार किया है। पुलिस को पहले से इनपुट मिला था कि कुछ OGW स्थानीय नागरिकों और बाहरी मजदूरों पर हमले की साजिश रच रहे हैं। इन सूचनाओं के आधार पर बांदीपोरा पुलिस ने जिले में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया और कई इलाकों में नाका चेकिंग की गई।
इस अभियान के दौरान पुलिस ने सबसे पहले मोहम्मद रफीक खांडे और मुख्तार अहमद डार को हिरासत में लिया। तलाशी के दौरान उनके पास से दो चीनी हैंड ग्रेनेड, 7.62 एमएम की एक मैगजीन और 30 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। पूछताछ के बाद पुलिस को और सुराग मिले, जिसके आधार पर F-Coy 3rd बटालियन सीआरपीएफ और 13 राष्ट्रीय राइफल्स की मदद से अजास क्षेत्र के सदुनारा में एक और नाकाबंदी की गई।
इस दूसरी कार्रवाई में पुलिस ने रईस अहमद डार और मोहम्मद शफी डार को गिरफ्तार किया। इनके पास से भी हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया, जिसमें एक हैंड ग्रेनेड, एक 7.62 एमएम मैगजीन और 30 कारतूस शामिल थे। पुलिस का कहना है कि चारों आरोपी लश्कर के सक्रिय नेटवर्क का हिस्सा थे और घाटी में आतंक फैलाने के लिए सक्रिय रूप से साजिश रच रहे थे।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई अब निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है। एक ओर जहां सुरक्षाबल सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय आतंकियों का खात्मा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आंतरिक सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादी संगठनों के नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी हुई हैं। यह प्रयास राज्य में स्थायी शांति की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो सकता है।