Youth WorkForce In India: भारत के इकोनॉमिक सर्वे ने भले ही विकास का लेखा-जोखा दिया है, लेकिन इससे एक ऐसी बात निकली है, जो दूर तक गई है. एक मामले में तो इस इकोनॉमिक सर्वे ने पूरी दुनिया में भारत का डंका बजा दिया है. हम दुनिया के सबसे बड़े यूथ वर्कफोर्स कैपिटल वाले देश हैं. हमारे युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं, जो भारत को 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बना सकते हैं. यहां तक कि ये युवा 2030 तक भारत को अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बना देंगे.
हमारी आबादी में 26 फीसदी हिस्सा 10 साल से 14 साल के बीच के लोगों की है. जो हमारे लिए एक बड़े वर्कफोर्स का निर्माण कर रहे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 पेश करते हुए कहा कि 2014 में भारत दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी. एक दशक से भी कम समय में यह ब्रिटेन को पीछे छोड़कर चौथे स्थान पर आ गई. अब 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की बारी है.
दुनिया की सबसे युवा आबादी वाला देश
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, भारत दुनिया भर में सबसे युवा आबादी वाले देशों में से एक है. यहां की औसत आयु 28 वर्ष है. इसके विपरीत कई विकसित देश बढ़ती उम्र की आबादी और घटते वर्कफोर्स पार्टीसिपेशन से जूझ रहे हैं. वहीं भारत में सदाबहार जवानी की फसल लहलहा रही है और देश की अर्थव्यवस्था को ताकत देने के लिए बेकरार है.
देश में घट रही कामकाजी पर आश्रितों की संख्या
इकोनॉमिक सर्वे का एक और आंकड़ा आंख खोल देने वाला है कि देश में कामकाजी लोगों पर आश्रितों की संख्या कम हो रही है. यानी अधिक के अधिक लोग दूसरों पर निर्भऱ रहने की बजाय खुद कमा कर खाना चाह रहे हैं. अगर इन सभी लोगों को रोजगार के अवसर मिले तो ये मिलकर इकोनॉमी को बूस्ट करेंगे. इससे प्रॉडक्टिविटी भी बढ़ेगी और और इनकम का लेवल भी सुधरेगा. हालांकि इकोनॉमिक सर्वे में इस बात की चेतावनी भी दी गई है कि डेमोग्राफिक डिविडेंड पाने के लिए हमेशा रोजगार के अवसरों में विकास की जरूरत होगी.