Economic Survey 2025: इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 का मकसद पिछले वित्त वर्ष में देश के इकोनॉमिक परफॉर्मेंस का आकलन करना है. इस सर्वे से पता चलता है कि मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज जैसी इंडस्ट्रीज में किस तरह का ट्रेंड चल रहा है और चुनौतियों का समाधान कर विकास को बढ़ावा देने के लिए कैसी पॉलिसी बनाई जानी चाहिए.
क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे?
इकोनॉमिक सर्वे एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था का विस्तृत विश्लेषण किया जाता है. इसमें कुछ खास सेक्टरों पर फोकस किया जाता है. इसे दो भागों में बांटा जाता है- पहले भाग में इकोनॉमिक परफॉर्मेंस का मूल्यांकन किया जाता है, जबकि दूसरे भाग में शिक्षा, गरीबी और जलवायु परिवर्तन जैसे सामाजिक-आर्थिक मुद्दों का विश्लेषण किया जाता है. इसमें जीडीपी ग्रोथ, महंगाई और व्यापार के अनुमानों का भी विश्लेषण किया जाता है.
कब रिलीज किया जाता है इकोनॉमिक सर्वे?
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होता है और 1 जनवरी को बजट पेश किया जाता है. इकोनॉमिक सर्वे आमतौर पर बजट भाषण से एक दिन पहले पेश किया जाता है. यानी कि 31 जनवरी को पेश किया जाता है.
कौन तैयार करता है इकोनॉमिक सर्वे?
डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स के इकोनॉमिक डिविजन द्वारा इकोनॉमिक सर्वे तैयार किया जाता है. चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर की देखरेख में यह बनकर तैयार होता है, जबकि बजट से पहले वित्त मंत्री द्वारा इसे रिलीज किया जाता है.
इकोनॉमिक सर्वे में कौन-कौन सी चीजें शामिल होती हैं?
इकोनॉमिक सर्वे के दोनों भागों में एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार, मुद्रा की आपूर्ति, कीमतें, आयात-निर्यात और विदेशी मुद्रा भंडार जैसे आर्थिक संकेतकों का जिक्र होता है. इससे पता चलता है कि इकोनॉमी को कौन सी चीजें प्रभावित करती हैं, सरकार की राजकोषीय रणनीति पर इसका क्या प्रभाव है.
कहां और कैसे देखें इकोनॉमिक सर्वे?
संसद टीवी और पीआईबी इंडिया चैनल पर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं. इसके अलावा, वित्त मंत्रालय के फेसबुक पेज, लिंक पर भी इसे देखा जा सकता है. लाइव अपडेट के लिए वित्त मंत्रालय के ऑफिशियल एक्स हैंडल पर भी नजर रख सकते हैं.