दिल्ली में धूल भरी आंधी ने बढ़ाया प्रदूषण का स्तर, सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों को अधिक खतरा
दिल्ली में मंगलवार को धूल भरी तेज हवाएं चलीं. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा कि यह ‘असाधारण परिघटना’ है, जिससे पूरे दिल्ली-एनसीआर पर धूल कण निरंतर फैलते रहे.
दिल्ली के मौसम (Delhi Weather) में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं. राजधानी में मंगलवार को धूल भरी तेज हवाएं चलने के कारण प्रदूषक तत्व पीएम 10 खतरनाक स्तर तक बढ़ गया तथा धूल कणों में वृद्धि के साथ ही धुंध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी. भारत मौसम विज्ञान विभाग(IMD) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तड़के तीन बजे से सुबह छह बजे तक धूल भरी आंधी चली, जिससे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित पालम वेधशाला में सुबह 10 बजे दृश्यता घटकर महज 700 मीटर रह गई, जो सोमवार सुबह नौ बजे 4000 मीटर थी.
दिल्ली के इन इलाकों में ज्यादा बिगड़ी स्थिति
दिल्ली में मंगलवार को अपराह्न तीन बजे संपूर्ण वायु गुणवत्ता सूचकांक 260 रहा जो सोमवार को शाम चार बजे 162 था, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अनुसार, जहांगीरपुरी में पीएम 10 स्तर प्रति घनमीटर 3,826 माइक्रोग्राम तथा सर अरबिंदो मार्ग पर प्रति घनमीटर 2,565 माइक्रोग्राम था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, पीएम 10 स्तर प्रति घन मीटर 100 माइक्रोग्राम (24 घंटे की अवधि के लिए) सुरक्षित माना जाता है. डीपीसीसी के आंकड़ों के अनुसार, सुबह के समय पीएम 10 का स्तर बढ़कर विवेक विहार में प्रति घनमीटर 1,542 माइक्रोग्राम, आर के पुरम में प्रति घनमीटर 1,296 माइक्रोग्राम, पटपड़गंज में प्रति घनमीटर 1,807 माइक्रोग्राम, नरेला में प्रति घनमीटर 1,663 माइक्रोग्राम, अलीपुर में प्रति घनमीटर 1,957 माइक्रोग्राम, द्वारका सेक्टर आठ में प्रति घनमीटर 1,661 माइक्रोग्राम, मुंडका में प्रति घनमीटर 1,456 माइक्रोग्राम, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में प्रति घनमीटर 1,662 माइक्रोग्राम, वजीरपुर में प्रति घनमीटर 1,527 माइक्रोग्राम और अशोक विहार में प्रति घनमीटर 1,580 माइक्रोग्राम रहा.
दिल्ली-एनसीआर पर धूल कण निरंतर फैलते रहे
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा कि यह ‘असाधारण परिघटना’ है, जिससे पूरे दिल्ली-एनसीआर पर धूल कण निरंतर फैलते रहे. इसने कहा कि पीएम 10 सांद्रता सुबह चार बजे के प्रति घनमीटर 141 माइक्रोग्राम से बढ़कर सुबह सात बजे प्रति घनमीटर 796 माइक्रोग्राम हो गयी. इसने कहा कि बुधवार को तेज हवा जारी रहने की संभावना है. आयोग ने कहा कि अगले एक-दो दिन में स्थिति सुधर सकती है, क्योंकि 18 मई को वर्षा होने की संभावना है.
धूल भरे मौसम का ये है कारण
मौसम विज्ञान कार्यालय द्वारा जारी उपग्रह तस्वीरों में पश्चिम भारत के एक बड़े हिस्से में धूल की मोटी परत नजर आती है. मौसम विज्ञानियों ने पश्चिमोत्तर भारत में पिछले पांच दिन से भयंकर गर्मी, वर्षा के अभाव में मिट्टी के शुष्क होने और बीती आधी रात से तेज हवा चलने को इस धूल भरे मौसम के लिए जिम्मेदार ठहराया है. आईएमडी के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ तड़के दिल्ली में धूल भरी तेज आंधी चली…”
फेफड़ों में परेशानी पैदा कर सकते हैं…
आईएमडी के पर्यावरण निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी के सोनी ने कहा,‘‘ धूल कण सांद्रता कई गुना बढ़ गयी. पीएम 10 सांद्रता सुबह चार बजे के प्रतिघनमीटर 140 माइक्रोग्राम से बढ़कर सुबह आठ बजे प्रति घनमीटर 775 माइक्रोग्राम हो गयी. ” विशेषज्ञों ने कहा है कि धूल के कण, विशेष रूप से महीन कण पदार्थ (पीएम2.5), सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और फेफड़ों में परेशानी पैदा कर सकते हैं, तथा अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और एलर्जी जैसी श्वसन समस्याओं को बढ़ा सकते हैं.
सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों को अधिक खतरा
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. जुगल किशोर ने कहा, ‘धूल प्रदूषण के कारण ब्रोंकाइटिस, ब्रोन्कियल अस्थमा और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जैसी सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों को अधिक खतरा होता है. इससे उनकी स्थिति और खराब हो सकती है.’ डॉ. किशोर ने कहा कि ऐसे लोगों को कोशिश करनी चाहिए कि हवा की गुणवत्ता में सुधार होने तक घर के अंदर ही रहें और गीले कपड़े से अपनी नाक और मुंह ढककर रखें. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी स्थिति जारी रहने तक निर्माण और तोड़फोड़ जैसी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकती है.